महिला दिवस: समाज को दे रहीं नई दिशा, लिख रहीं कामयाबी की इबारत – Lok Shakti

Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

महिला दिवस: समाज को दे रहीं नई दिशा, लिख रहीं कामयाबी की इबारत

माया देवी,ऊषा देवी, अनीसा बेगम, मोहनी देवी
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर देश-दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रही हैं। घर- परिवार की जिम्मेदारी के साथ समाज की चुनौतियों को पार कर अपनी कामयाबी की इबारत लिख रहीं हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कुछ ऐसी ही मजबूत और सशक्त महिलाओं की कहानी जो कामयाबी के झंडे गाड़कर समाज को नई दिशा दे रही हैं। पंचायत प्रतिनिधि के रूप में वे अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही हैं। 

50 लाख खर्च का उपलब्ध कराई शहरी सुविधा 

इगलास ब्लॉक के बहादुरपुर गांव की आठवीं पास माया देवी अपने पति सुरेंद्र सिंह के सहयोग से गांव में चहुंमुखी विकास कराने में जुटी हुई है। उन्होंने करीब अपने निजी 50 लाख रुपये खर्च कर गांव में सीमेंटेड सड़क बनवाने के साथ ही वहां शहरी सुविधाएं उपलब्ध करायी हैं। जिससे ग्रामीण बेहद खुश हैं। पहली बार गांव आना वाला हरेक शख्स यह अंदाजा नहीं लगा पाता है कि यह गांव या फिर शहरी क्षेत्र। माया देवी लगातार दूसरी बार प्रधान चुनी गई हैं। उन्होंने अपने निजी खेत में पुलिस चौकी का निर्माण भी कराया है और पुलिस कर्मियों के लिए आवास सुविधा भी उपलब्ध करायी है। माया देवी करीब 20 साल से सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रही हैं। 

युवा सोच ने बदल दी गांव की तस्वीर 

ब्लॉक खैर के धूमरा गांव की एमए पास प्रधान ऊषा देवी की सोच ने गांव की तस्वीर बदल दी है। अब यह गांव एक नई सोच के साथ एक नई इबारत लिख रहा है । करीब दो साल पहले गांव में गंदगी के ढ़ेर लगे रहते थे अब स्वच्छता के प्रति ग्रामीण इतने जागरुक हो चुके हैं कि खुद ही साफ-सफाई का ध्यान रखने लगे हैं। गांव में जन्म प्रमाण पत्र से लेकर हरेक तरह के प्रमाण पत्र गांव में पंचायत घर पर बन रहे हैं। राशन कार्ड, पेंशन एवं अन्य प्रमाण पत्रों के लिए ग्रामीणों को ब्लॉक, तहसील कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ते हैं। गांव में अब पक्की सड़के हैं। चारों तरफ हरियाली है। गांव में एक तालाब है। इस गांव में कोई किसान भी किसान जानवरों की रखवाली के लिए रतजगा नहीं करता है। गांव में गोशाला भी बनी हुई है। बच्चों के लिए खेल मैदान भी है। एक जागरूक महिला ग्राम प्रधान की पहल ने मात्र दो वर्षों में ही इस ग्राम पंचायत के ऊपर लगे पिछड़ेपन के दाग को हटाकर उसे अति विकसित ग्राम पंचायत की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है।