प्रदेश में अब कुत्ता, बिल्ली और गाय समेत अन्य घरेलू पशुओं को पालना जनता की जेब पर भारी पडऩे वाला है। इसका कारण नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा पंजीकरण तथा आवारा पशुओं के लिए किए गए विशेष प्राविधान हैं। इसके तहत घर में पालतू पशु को रखने के लिए स्थानीय निकाय से पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। साथ ही जानवर की प्रजाति के आधार पर निर्धारित शुल्क भी जमा करना होगा। यदि पशु मालिक नियमों का उल्लंघन करता है, तो उससे मोटा जुर्माना भी वसूला जाएगा। इतना ही नहीं एक से अधिक बार पालतू पशु आवारा घूमते पकड़े जाने पर इसे छुड़ाने के लिए मालिक की बांड भी भरना एवं आवास विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। नियम के तहत हर साल पशु के पंजीयन का नवीनीकरण कराना अनिवार्य होगा, नहीं तेा प्रतिदिन पंजीयन शुल्क के दस प्रतिशत की दर से जुर्माना लगेगा। कुत्ते के पंजहयन के लिए १५० रुपये, गाय और बैल के लिए २०० रुपये शुल्क देना होगा। अन्य जानवरों के पंजीयन के लिए ५० रुपए पंजीयन चुकाने होंगे। इसके बाद हर वर्ष पंजीयन नवीनीकरण कराने के लिए कुत्ते के लिए ५० रुपए, गाय-बैल के १०० रुपए और अन्य पशुओं के लिए २५ रुपए प्रतिवर्ष देना होंगे। नए नियम के तहत अगर आपका पालतू पशु जानवर बाहर घूमता पाया गया या किसी को काट लिया तो इसको भ अपराध के रूप में अंकित किया गया है। जिसके लिए भी दंड की राशि देने के साथ ही उस जानवर का पंजीयन निरस्त करने और मालिक से बांड भरवाने का प्राविधान है।
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