कई इलाकों में सड़कें तरबतरमानसून आने के बाद पहली बार शहर में बारिश, – Lok Shakti

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कई इलाकों में सड़कें तरबतरमानसून आने के बाद पहली बार शहर में बारिश,

मानसून घोषित होने के बाद वैसे ताे दाे बार टुकड़ों में शहर भीगा, लेकिन बुधवार काे पहली बार कई इलाकों में रिमझिम से शुरू हुआ बारिश का दाैर झमाझम में बदल गया। करीब आधे घंटे तक शहर तेज बारिश में तरबतर हुआ। इसके बाद फिर से रिमझिम का दौर शुरू हुआ। इससे पहले मंगलवार को भी करीब 15 मिनट हल्की बारिश हुई थी, लेकिन मौसम केंद्र में रिकॉर्ड नहीं हुई। 

शहर के ज्यादातर इलाकों में तेज बारिश हुई।

शहर में बारिश के जोर नहीं पकड़ने का सबसे बड़ा कारण गुजरात की ओर से सक्रिय हुए सिस्टम के यहां आते-आते कमजोर पड़ना है। विभाग की मानें तो बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। इसके बाद इंदौर एक बार फिर से तर हाेगा। हालांकि, इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। मंगलवार सुबह आसामान पर धूप निकली, लेकिन दोपहर होते-होते बादल छाने लगे। शाम होते-होते, विजयनगर, मांगलिया, राजेंद्र नगर, महू नाका, कलेक्टर, पलासिया सहित ज्यादातर इलाके भीगे। पिछले साल भी इस समय प्री-मानसून बरसना शुरू हुआ था। 28 जून तक पानी 4 इंच से ज्यादा बरस गया तो फिर मानसून घोषित किया था। इसके पहले सोमवार रात को भी कुछ क्षेत्राें में हल्की बारिश हुई।
 
उज्जैन में डेढ़ घंटा तेज बारिश, सड़कें डूबीं
मंगलवार शाम 5.30 बजे से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला शाम 7 बजे तक चला। हालांकि, शुरुआत में उसकी गति तेज थी, लेकिन एक घंटे बाद यह धीमी हो गई। इसमें प्रमुख रूप से चामुंडा माता चौराहा, नीलगंगा चौराहा, फ्रीगंज पुल के नीचे, लाल मस्जिद चौराहा, फव्वारा चौक, नई सड़क पर पानी भर गया। नगर निगम कंट्रोल रूम के अनुसार शहर में कहीं भी पानी भरने की शिकायत दर्ज नहीं की गई। इधर, शहर के कई निचले क्षेत्रों में पानी भर गया। कई लोगों ने घरों में पानी भरने की बात भी कही।

गांव आक्याजागीर में 2 घंटे मूसलाधार बारिश हुई, जिससे नाला उफान पर आ गया।

नागदा में भी तरबतर हुई सड़कें
शहर में मंगलवार शाम 5 बजे से बारिश का दौर शुरू हुआ, जो रात 8 बजे तक जारी रहा। इस दौरान 1 इंच बारिश हुई। सुबह 6.30 बजे तक 67 मिमी बारिश हो चुकी थी। शाम को बारिश के बाद यह आंकड़ा 92 मिमी तक पहुंच गया। गांव आक्याजागीर में 2 घंटे मूसलाधार बारिश हुई। 2 घंटे की बारिश में ही नाला उफान पर आ गया। हालात यह थे कि गांव में बाढ़ जैसे हालात हो गए और बस स्टैंड सहित आसपास के सभी इलाकों में पानी ही पानी भर गया। कुछ देर में ही नाला उफान पर आ गया। इससे ताल-खाचरौद मार्ग बंद हो गया। वहीं खेतों में भी पानी ही पानी हो गया। 

सावन की शुरुआत 6 जुलाई से, इस बार 5 सोमवार
1 जुलाई को देवशयनी एकादशी, 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा और 6 जुलाई से सावन माह की शुरुआत हाेगी। इस बार लंबे अर्से बाद पांच सोमवार वाले सावन माह का आगमन हो रहा है, जो भक्तों के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है। देवशयनी एकादशी पर सभी देवी-देवता योगनिद्रा में चले जाते हैं। इस मान्यता के कारण लगभग चार माह देवउठनी एकादशी (25 नवंबर) तक सभी मांगलिक कार्य नहीं होंगे, लेकिन जप, तप, दान, व्रत, हवन आदि जारी रहेंगे।