Ranchi : झारखंड सरकार के आठ विश्वविद्यालय है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( यूजीसी) के अनुसार हर विश्वविद्यालय में एक सेंट्रल लाइब्रेरी होनी चाहिए. नैक में अच्छे ग्रेडिंग के लिए सेंट्रल लाइब्रेरी का होना जरूरी है. झारखंड के विश्वविद्यालयों में ठीक इसके विपरीत चल रहा है. झारखंड की सबसे पुरानी रांची विश्वविद्यालय में सेंट्रल लाइब्रेरी है, लेकिन उसमें विश्वविद्यालय लाइब्रेरियन, डिप्टी लाइब्रेरियन का पोस्ट खाली है. अभी केवल असिस्टेंट लाइब्रेरियन है. बाकी दो पोस्ट लगभग 16 साल से खाली है. वहीं कोल्हान विश्वविद्यालय में सेंट्रल लाइब्रेरी में एक लाइब्रेरियन है. नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय में सेंट्रल लाइब्रेरी संचालित करने के लिए विश्वविद्यालय की ओर से एक कर्मचारी को नियुक्त किया गया है. विनोबा भावे विश्वविद्यालय में सेंट्रल लाइब्रेरी है, लेकिन लाइब्रेरियन के सारे पोस्ट खाली है. लाइब्रेरी को संचालित करने के लिए विश्वविद्यालय के ओर से एक कर्मचारी को नियुक्त किया गया है.
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इन विश्वविद्यालयों नहीं है सेंट्रल लाइब्रेरी
2017 में बनी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय , बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय और जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय में अब तक सेंट्रल लाइब्रेरी नहीं बनी है. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति तपन कुमार शांडिल्य ने सेंट्रल लाइब्रेरी के लिए उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेजा है. वहीं विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय का नया भवन बन कर कर तैयार है लेकिन इसे अबतक शिफ्ट नहीं किया गया है.
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