कलेक्टर ने की नरवा, गरूवा, घुरवा अउ बाड़ी योजना की समीक्षा – Lok Shakti

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कलेक्टर ने की नरवा, गरूवा, घुरवा अउ बाड़ी योजना की समीक्षा

कलेक्टर श्री पदुम सिंह एल्मा ने आज सवेरे कलेक्टोरेट कार्यालय के दृष्टि-सभाकक्ष में राज्य शासन की फ्लैगशिप योजना नरवा, गरूवा, घुरवा अउ बाड़ी की समीक्षा बैठक ली। उन्होने कहा कि इस योजना का क्रमिक रूप से क्रियान्वयन हो, जिससे शासन एवं प्रशासन के मध्य सतत संपर्क बना रहे और विकास की गति की रफ्तार भी बढ़ती रहे। शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में अधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सुझावों को भी महत्व दें तथा उनके सुझावों को शामिल करते हुए विकास कार्य को आगे बढ़ाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के नए-नए आयाम सृजन करने में लोक धन को ध्यान में रखते हुए उसका सदुपयोग करें। नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना के तहत गौठान के लिए उपयुक्त भूमि का चयन करें तथा गौठान के चारों ओर काऊ प्रोटेक्शन ट्रेंच, चेनलिंक फेंसिंग, शेड निर्माण एवं टैंक निर्माण का विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि योजना के सुचारू क्रियान्वयन तथा ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ने के लिए स्व-सहायता समूहों को सक्रिय करें। जिससे क्षेत्र के लोगों को अधिक से अधिक रोजगार प्राप्त हो सके। इसके साथ ही गौठान से निकलने वाले गोबर को आर्गेनिक खाद के रूप में उपयोग कर आर्गेनिक सब्जियों की खेती के लिए किसानों को प्रेरित करें। शासन की योजना के अनुरूप गोबर की खरीदी व विक्रय को प्राथमिकता से करें। नगरीय निकाय में कम्पोस्ट खाद का विक्रय प्रतिशत कम है। वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय को बढ़ाने हेतु नगरीय निकाय के अधिकारियों को निर्देषित किए। गोबर की खरीदी, कम्पोस्ट खाद बनने और विक्रय की एंट्री में किसी प्रकार की त्रुटि नहीं होनी चाहिए। गोठान में साप्ताहिक प्रगति की समीक्षा करें।
कलेक्टर श्री एल्मा ने कहा कि हर गोठान में प्रतिदिन 2 क्विंटल गोबर की खरीदी आवश्यक रूप से करें और जिन गोठान में गोबर खरीदी दर कम है उसके प्रतिशत दर को बढ़ाये। जिससे समूह के सदस्यों को समय पर आय प्राप्त हो, और उनके आय में वृद्धि हो इसका ध्यान रखें। उन्होने विकासखण्डवार जैविक खाद विक्रय की जानकारी ली। सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को जैविक खाद विक्रय कराने की बात कही। इस हेतु निर्मित खाद का गौठानो से उठाव कर समितियों में भण्डारित करने के लिए कहा। साथ ही जल्द से जल्द बिक्री हुए खाद की राशि का भुगतान महिला समूह को करने के लिए कहा। गोधन न्याय योजना अंतर्गत गोबर के उपयोग वर्मी खाद निर्माण एवं विक्रय के संबंध में संबंधित विभागों के अधिकारियों की समीक्षा की। इसमें सुपर कंपोस्ट निर्माण की प्रगति, वर्मी खाद पैकेजिंग एवं निर्माण की स्थिति, वर्मी खाद की समिति में भण्डारण, स्व सहायता समूह को राशि आवंटन, गौठान समिति के युवा सदस्यों की सक्रिय भागीदारी, सहित महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा की गई और कहा कि वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के विभिन्न चरणों का तिथिवार शेड्यूल बनाकर मॉनिटरिंग करें। गौठानों में नियमित गोबर खरीदी और सही अनुपात में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी एसएडीओ को निर्धारित प्रारूप में समय निर्धारित करने तथा सभी गौठानों के नोडल अधिकारियों के साथ साझा करने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि निर्धारित समय के अनुसार कार्य करने से गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण एवं विक्रय तक के विभिन्न चरणों के संपादन में आसानी होगी। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत लीना मण्डावी, डिप्टी कलेक्टर प्रवीण तिवारी, उप संचालक कृषि एम.डी. डढ़सेना, मुख्य नगर पालिका अधिकारी भूपेन्द्र उपाध्याय, सभी जनपद पंचायत सीईओ सहित जिला स्तर के अधिकारी उपस्थित थे।