… तो अब सदन में होगा Ramcharitmanas पर शास्त्रार्थ! Akhilesh Yadav के चैलेंज पर बोले CM Yogi- जवाब दूंगा – Lok Shakti

Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

… तो अब सदन में होगा Ramcharitmanas पर शास्त्रार्थ! Akhilesh Yadav के चैलेंज पर बोले CM Yogi- जवाब दूंगा

लखनऊ: रामचरितमानस पर सियासत जारी है। बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान से शुरू हुए विवाद को उत्तर प्रदेश में स्वामी प्रसाद मौर्य के बोल से तूल मिला। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मामले में मौर्य का समर्थन करते हुए कहा था कि वह सदन में सीएम योगी आदित्यनाथ से उन चौपाइयों का अर्थ पूछेंगे, जिसे लेकर विवाद है। अखिलेश ने खुद को शूद्र कहकर राजनीति को हवा भी दी। उन्होंने सदन में सीएम योगी से इस संदर्भ में सवाल भी पूछने की बात कही, जिस पर अब तक खामोश रहे सीएम योगी ने चुप्पी तोड़ी है।

एक टीवी चैनल पर इंटरव्यू में रामचरितमानस को लेकर सवाल का जवाब देते हुए सीएम योगी ने कहा, ‘मुझे जिस मंच पर रामचरितमानस की व्याख्या करनी होगी, वहां मैं जरूर करूंगा। मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि यह प्रकरण विकास और निवेश जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए उसी पार्टी की शरारत का हिस्सा है, जिसके एजेंडे में कभी विकास रहा ही नहीं।’ उन्होंने कहा था कि जवाब उन्हें देना चाहिए जो समझ सकें।

सीएम योगी ने कहा, ‘2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में BJP केंद्र में सरकार बनाएगी। 2019 से भी अधिक सीटें पाकर बीजेपी की सरकार बनेगी। उत्तर प्रदेश में 70 से अधिक लोकसभा सीटें भारतीय जनता पार्टी जीतेगी। जहां संभावनाएं होती हैं, वहीं उम्मीद तलाश की जाती है। और उत्तर प्रदेश संभावनाओं वाला प्रदेश है। यहां अगले साल इसका परिणाम भी निश्चित तौर पर देखने को मिलेगा।’

निजी चैनल के साथ बातचीत में योगी ने कहा, ‘मेरे अंदर किसी भी पद को लेकर कोई महत्वाकांक्षा नहीं है। मैं एक योगी हूं और योगी के रूप में ही बने रहना चाहता हूं। मैं उत्तर प्रदेश की जनता की सेवा कर रहा हूं और उत्तर प्रदेश में रहने की मेरी इच्छा भी है। इसके अलावा बाकी कोई भी अन्य इच्छा नहीं है। मैं सोशल मीडिया बहुत ही कम यूज करता हूं मेरे पास इतनी फुर्सत नहीं है।’

पठान फिल्म को लेकर सीएम योगी ने कहा- मैं फिल्में नहीं देखता हूं और ना ही मेरे पास इतना समय हो पाता है। सीएम ने कहा, ‘जब भी इस प्रकार की फिल्में आती हैं, तो उसमें जनभावनाओं का सम्मान जरूर होना चाहिए। प्रस्तुतिकरण के साथ-साथ उन भावनाओं का सम्मान होना चाहिए, जिनके लिए हम प्रस्तुत करना चाहते हैं। किसी को भी सेंटिमेंट्स के साथ खिलवाड़ करने या भावनाओं को भड़काने की इजाजत भी नहीं देनी चाहिए।’