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महाकवि जयशंकर प्रसाद की जयंती 30 जनवरी को राष्ट्रभाषा उत्सव के रूप में मनाई जाएगी। इसके साथ ही 30 जनवरी से दो फरवरी तक जयशंकर राष्ट्रभाषा नाट्योत्सव का आयोजन होगा। इसमें महाकवि के नाटकों का मंचन किया जाएगा। शुभारंभ सरायगोवर्धन स्थित महाकवि के प्रसाद मंदिर से होगा। नाट्य मंचन व संगोष्ठी महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में होगी।
ये जानकारी महाकवि की प्रपौत्री कविता कुमारी, काशी विद्यापीठ के प्रो. अनुराग कुमार व बीएचयू के प्रो. अरुण जैन ने शनिवार की शाम सरायगोवर्धन स्थित महाकवि जयशंकर प्रसाद के आवास पर आयोजित प्रेसवार्ता में दी। उन्होंने बताया कि नाट्य मंचन में कामायनी, गुंडा और ध्रुवस्वामिनी को शामिल किया गया है।
30 जनवरी से एक फरवरी तक संगोष्ठी और 31 जनवरी से दो फरवरी तक नाट्य मंचन होगा। सुबह के सत्र में काशी विद्यापीठ के केंद्रीय पुस्तकालय के समिति कक्ष में संगोष्ठी और शाम को गांधी अध्ययन पीठ सभागार में नाटकों का मंचन होगा। नाट्योत्सव के अलावा महाकवि को जन-जन से रूबरू कराने के लिए हाइब्रिड मोड में साहित्य के सम्मेलन, जयशंकर प्रसाद के जीवन, साहित्य पर फिल्म निर्माण, संग्रहालय व स्मारक का निर्माण और साहित्यिक भ्रमण कॉरिडोर का निर्माण करने की भी योजना है।
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