बरेली के अगस्त्य मुनि आश्रम में मुस्लिम युवती इलमा ने बृहस्पतिवार को हिंदू धर्म स्वीकार कर अपना नाम सौम्या रख लिया। उसने हिंदू रीति रिवाज के अनुसार अपने प्रेमी सोमेश शर्मा के साथ सात फेरे लिए। अगस्त्य मुनि आश्रम के पंडित केके शंखधार ने वैदिक रीत-रिवाज से उनका विवाह कराया। इलमा उर्फ सौम्या शर्मा का कहना है कि वह बालिग है, उसने स्वेच्छा से हिंदू धर्म स्वीकार कर सोमेश के साथ प्रेम विवाह किया है।
बदायूं के थाना बिल्सी के गांव परोसी निवासी इलमा उर्फ सौम्या दसवीं पास है। अभिलेखों में उसकी आयु 19 वर्ष से अधिक है। पांच वर्ष से उसका गांव के ही सोमेश शर्मा से प्रेम प्रसंग चल रहा था। सोमेश दिल्ली में नौकरी करता है। दोनों के घरों के बीच करीब 500 मीटर का फासला है। परिवार वाले इलमा की शादी दूसरी जगह पर करना चाहते थे। कुछ समय पहले इलमा के परिजनों को दोनों के प्रेम प्रसंग का पता चला।
दूसरी जगह शादी करना चाहते थे परिवारवाले
इलमा का आरोप है कि परिवारवाले उसकी हत्या करना चाहते थे। इसकी भनक लगी तो दो माह पहले ही प्रेमी युगल ने घर छोड़ दिया। दोनों पहले प्रयागराज पहुंचे। यहां शादी का रजिस्ट्रेशन कराया।
बृहस्पतिवार को दोनों अगस्त्य मुनि आश्रम पहुंचे। यहां पंडित केके शंखधार ने गंगाजल से शुद्धिकरण इलमा का धर्म परिवर्तन कराया। इसके बाद दोनों का हिंदू रीति रिवाज के अनुसार विवाह कराया गया।
इलमा उर्फ सौम्या शर्मा ने बताया कि वह गांव नहीं जाएगी। और न ही अपने माता-पिता के घर जाएगी। सोमेश के साथ उसने सात फेरे लिए हैं। अब वह उसे जहां रखेगा, वहीं रहेगी।
पंडित केके शंखधार का कहना है कि धर्म परिवर्तन कराकर मुस्लिम युवती की हिंदू रीति रिवाज से हिंदू युवक से शादी कराने के मामले में उनको भी धमकियां मिल रही हैं। डेढ़ महीने में चार मुस्लिम लड़कियों की शादी हिंदू लड़कों से करा चुके हैं, पिछले महीन भी उनको धमकी मिली थी।
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