हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में मनरेगा योजना गांव के सरपंच और सचिवों के लिए चारागाह साबित हो रही है। ताजा मामला एक गांव का सामने आया है, जहां जेल में बंद कैदी और बाहरी लोगों से मनरेगा योजना में फावड़े चलवाकर लाखों रुपये की धनराशि का बंदरबांट कर दिया गया है। गांव के लोगों मनरेगा योजना में हुई धांधली की अधिकारियों के सामने पोल खोली तो ब्लॉक स्तर के अफसर भी दंग रह गए है। फिलहाल इस पूरे प्रकरण की जांच कराने के निर्देश दिए गए है।
हमीरपुर जिले के मौदहा क्षेत्र के सिजनौड़ा, खंंडेह, और छिमौली गांव में मनरेगा योजना में बड़े स्तर पर घोटाले की जांच के बाद अब गुरदहा गांव में सरकारी धनराशि के बंदरबांट का मामला सामने आया है। गांव के देवराज ने उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र देकर सरपंच के खिलाफ अब मोर्चा ही खोल दिया है। गांव के लोगों ने बताया कि गुरदहा गांव के सरपंच ने एक साल पहले पशुपालकों के लिए दो दर्जन से अधिक कैटलशेड कागजों में बनवाकर सरकारी धनराशि इधर से उधर किया है। इस मामले की शिकायत के बाद आनन-फानन में कैटलशेट बनवाना शुरू कराया गया है। बताया कि गांव के मुन्ना खां के कैटलशेड में अभी भी काम शुरू कराया गया है, जबकि कल्लू पुत्र राधेश्याम व शिवशंकर पुत्र नन्हू के कैटलशेड अभी तक नहीं बनवाए जा सके। आरोप लगाया कि जेल में बंद एक बंदी के नाम पर भी मजदूरी दिखाकर सरकारी धनराशि इधर से उधर की गई है।
मिलीभग से हुई धांधलीबाहर मजदूरी करने गए दर्जनों मजदूरों के नाम पर भी सरपंच ने मनरेगा योजना में फर्जी मजदूरी दिखाकर सरकारी धन को ठिकाने लगाया है। इस मामले में सरपंच अशोक यादव ने बताया कि जो व्यक्ति जेल में बंद है, उसकी पत्नी ने ही मनरेगा योजना में गांव में मजदूरी की है। मौदहा क्षेत्र के बीडीओ भैरव प्रसाद ने बताया कि शिकायतें मिली है। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। जांच में जो भी दोषी मिलेगा उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।जेल में बंद बंदी से भी मनरेगा में कराई गई मजदूरी
ग्राम पंचायत गुरदहा निवासी देवराज ने अफसरों को शपथपत्र देकर बताया कि गांव में मनरेगा योजना में सारे नियमों और मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई है। आरोप लगाया कि जेल में काफी समय से बंद एक बंदी से मनरेगा योजना में मजदूरी कराकर सरकारी धनराशि का बंदरबांट किया गया है। वहीं दर्जनों बाहरी लोगों के नाम पर भी मनरेगा योजना की धनराशि हड़पी गई है। ये मजदूर गांव के रहने वाले भी नहीं है, लेकिन उनके नाम पर मजदूरी का भुगतान निकाला गया।हैंडपंपों के रिबोर के नाम पर भी हुई बड़ी धांधली
देवराज समेत तमाम ग्रामीणों ने बताया कि रिबोर के नाम पर नए हैंडपंपों के बराबर लाखों रुपये के भुगतान किए गए है। पिछले वित्तीय वर्ष में छम्मा खान और जगमोहन कोरी के घर पास लगे हैंडपंप की रिबोर दिखाकर एक लाख से अधिक रुपये हड़पे गए है। जगमोहन ने बताया कि यह हैंडपंप केंद्रीय राज्यमंत्री निरंजन ज्योति ने अपनी ओर से लगवाया था, जिसकी मरम्मत सरपंच ने जरूर कराई है। हालांकि छम्मा खान के दरवाजे के हैंडपंप की कोई मरम्मत आज तक नहीं कराई जा सकी।
रिपोर्ट – पंकज मिश्रा
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