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टैक्स चोरी 1500 करोड़ की, विभाग ने सिर्फ चार करोड़ रु. पेनाल्टी लगाई

इंदौर-उज्जैन में गुटखा, पान-मसाला कारोबारियों पर पड़े डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस  के छापे में भले ही 225 करोड़ रु. की पुख्ता और 400 करोड़ रु. की संभावित टैक्स चोरी का खुलासा हुआ हो, पर चार माह पहले भोपाल में करीब 1500 करोड़ रु. की टैक्स चोरी सामने आ चुकी है। तब नियमों का हवाला देते हुए राज्य जीएसटी विभाग ने सिर्फ चार करोड़ रु. पेनाल्टी लेकर कारोबारियों को उत्पादन की अनुमति दे दी थी। ये छापे जनवरी में गोविंदपुरा स्थित कमला पसंद और राजश्री गुटखा के मालिक शशिकांत चौरसिया की फैक्ट्रियों पर पड़े थे। अब हालत ये है कि एसजीएसटी 29 जब्तियों के आधार पर कंपनी के डायरेक्टर और सप्लायर समेत 50 से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस दे चुका है, लेकिन छह माह बाद भी कोई जवाब देने नहीं आया। 

कर विभाग का आकलन ठीक इससे उलट
राज्य कर विभाग का तर्क है कि वे बुक्स और स्टॉक का मिलान करते हैं। इसमें जो स्टॉक ज्यादा पाया जाता है, उसी को टैक्स चोरी मानते हैं। तब छापे में जो स्टॉक ज्यादा मिला था, उस पर 4 करोड़ की पेनाल्टी लगाई गई थी। चौरसिया की कंपनियों के स्थानीय मैनेजर ने पेनल्टी भरकर दोबारा उत्पादन शुरू कर लिया।

छापे के चार दिन बाद ही फैक्ट्री में लग गई थी आग

  •  ईओडब्ल्यू ने जनवरी में राज्य और केंद्र के सात विभागों की टीमों के साथ चौरसिया की गोविंदपुरा स्थित दो फैक्ट्रियों पर छापे मारे थे। 
  • जांच में पता चला था कि चौरसिया ने क्षमता से कम उत्पादन दिखाकर महज 500 करोड़ रुपए का टैक्स जमा कराया है, जबकि वास्तविक टैक्स 1500 करोड़ रु. से ज्यादा था।
  • छापे पड़ने के के चार दिन बाद 13 जनवरी को फैक्ट्री में आग लग गई थी। 
  • ईओडब्ल्यू को आशंका है कि यह आग उत्पादन संबंधी आंकड़ों को नष्ट करने लगाई गई थी।
  • संचालक ने फैक्ट्री को स्वतंत्र घोषित किया 

विभागों की उलझन के बीच गोविंदपुरा में काम कर रही कंपनी ने स्वयं को स्वतंत्र फर्म बता दिया है। इसके संचालक आरिफ मोह म्मद शेख ने शपथ पत्र देकर कहा है कि यहां के पूरे कारोबार का वह अकेला मालिक है। इसमें चौरसिया की कोई भूमिका नहीं है। ईओडब्ल्यू ने इस ब्रांड के मालिक कमलकांत चौरसिया और उनके भाई शशिकांत चौरसिया को समन दिया था, लेकिन वे दोनों अब तक सामने नहीं आए। 

कोरोना संकट कम होते ही पूछताछ करेंगे
हम इस मामले की जांच कर रहे हैं। हम सभी संचालकों को नोटिस भेज चुके हैं। कोरोना संकट के कारण वे आने में असर्थता दिखा रहे हैं। हम खुद भी इस समय उन्हें नहीं बुलाना चाहते। संकट कम होते ही सभी को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। हम ईओडब्ल्यू द्वारा जताए गए संदेह के आधार पर ही स्क्रूटनी कर रहे हैं।
– एसके श्रीवास्तव, डिप्टी कमिश्नर (एंटी इवेजन), राज्य कर विभाग, भोपाल 

ईओडब्ल्यू ने ऐसे लगाया था हिसाब
छापे के समय ईओडब्ल्यू ने कहा था कि चौरसिया की गोविंदपुरा फ़ैक्टरी में 10 मशीनें हैं, जो हर मिनट 700 पान-मसाला, गुटखा पाउच पैक करती हैं। यानी प्रति मिनट 7000 पाउच। पूछताछ में पता चला कि मशीनें 24 घंटे चलती हैं।  पान-मसाला और गुटखा पर 88% टैक्स लगता है। इस आधार पर हर साल चौरसिया पर 1500 करोड़ रु. टैक्स बनता है।