Kaushal Anand
Ranchi: वर्ष 2004 के बाद लंबे इंतजार के बाद अब हरमू रोड फ्लाईओवर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. फ्लाईओवर निर्माण के लिए 750 करोड़ का डीपीआर तैयार कर लिया गया है. हरमू रोड जो अब मुख्य वीआईपी रोड (राजपथ) में शुमार हो गया है. इसी सड़क से मुख्यमंत्री, मंत्री और तमाम अधिकारी प्रोजेक्ट भवन तक का सफर तय करते हैं. मगर इसी रोड का फ्लाईओवर निर्माण को लेकर लंबा इंतजार करना पड़ा. अब यह कहा जा सकता है कि बहुत जल्द इसी साल इसके निर्माण का शिलान्यास हो सकता है. पथ निर्माण विभाग द्वारा कंसलटेंट के रूप में स्पर्श कंपनी को डीपीआर बनाने का जिम्मा सौंपा गया था. जो अपना डीपीआर तैयार करके विभाग को सौंप चुका है.
डबल डेकर फ्लाईओवर बनेगा
इसका निर्माण हरमू चौक से रातू रोड चौक होते हुए आगे की सड़क तक किया जाएगा. यह डबल डेकर फ्लाईओवर होगा. इसके ऊपरी तल्ले की ऊंचाई करीब 60 फीट की होगी. जबकि दोनों तल तीन-तीन लेनवाला होगा. यह छह लेन का होगा. करीब चार किमी लंबे फ्लाईओवर का प्राकल्लन करीब 750 करोड़ रुपये का है. इस प्रोजेक्ट का निर्माण दो साल में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है.
रातू रोड में बन रहे एलिवेटेड रोड के ऊपर से गुजरेगा
यह फ्लाईओवर रातू रोड में बन रहे एलिवेटेड सड़क के उपर से गुजरेगा. इसके पहले हरमू फ्लाईओवर के लिए बनायी जा रही योजना में रोड एलिवेटेड रोड को लेकर समस्या हो रही थी. लेकिन इस फ्लाईओवर से समस्या अब नहीं होगी. इसका हल निकाल लिया गया है. जानकारी के अनुसार, प्रस्तावित डबल डेकर फ्लाईओवर के ऊपरी तल्ले का इस्तेमाल कांके रोड की ओर से हरमू जानेवाले वाहन कर सकेंगे. पुराने हॉटलिप्स चौक के पास से वाहन इस फ्लाईओवर पर चढ़ेंगे. इसके बाद सीधे हरमू चौक के आगे उतरेंगे. नीचेवाले फ्लाईओवर पर हरमू की ओर से कांके रोड की ओर जानेवाले वाहन चढ़ेंगे.
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विश्वस्तरीय तकनीक का होगा इस्तेमाल
नए डीपीआर में इसके निर्माण के लिए नयी तकनीक के इस्तेमाल का दावा किया गया है. इसके निर्माण में विश्वस्तरीय तकनीक का इस्तेमाल की बात कही जा रही है. इसमें स्टील का पिलर और ऊपर का फ्रेम बनेगा. बाहर से स्टील और अंदर कंक्रीट का इस्तेमाल होगा. कम से कम यातायात समस्या हो, इसका भी विशेष ध्यान रखा जाएगा.
कब-कब क्या हुआ इस फ्लाईओवर को लेकर
2002 में तत्कालीन सीएम बाबूलाल मरांडी ने इस फ्लाईओवर निर्माण की घोषणा की.
2004 में तत्कालीन सीएम अर्जुन मुंडा ने इसके निर्माण की घोषणा की.
2007 में तत्कालीन सीएम मधु कोड़ा ने इस फ्लाईओवर निर्माण की घोषणा की.
2012 में तत्कलीन सीएम अर्जुन मुंडा ने राज्य स्थापना दिवस पर इसका शिलान्यास किया.
2013 में तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन ने इस फ्लाईओवर निर्माण की योजना को डंप कर दिया.
2015 में तत्कालीन सीएम रघुवर दास ने इसके निर्माण की घोषणा की.
2016 के 2 अक्टूबर को तत्कालीन सीएम रघुवर दास ने इसके शिलान्यास की घोषणा की. मगर नगर विकास की अधूरी तैयारी के कारण इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया. इसमें राजभवन का जमीन देने से इनकार और कार्तिक उरांव चौक तक आ रही समस्या प्रमुख रही.
2018 : तत्कालीन सीएम रघुवर दास ने इसमें आ रही अड़चनों को दूर करते हुए जमीन अधिग्रहण और राजभवन के अड़चनों को दूर करने का प्रयास शुरू किया.
2019 : में रघुवर सरकार चली गयी. नयी सरकार आयी और फिर इसका डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया. अब इसे कार्तिक उरांव चौक के बजाए हरमू चौक तक ही बनाने का निर्णय लिया गया.
2022 : 2022 में डीपीआर तैयार हुआ. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या 2023 में इसका निर्माण शुरू होता या नहीं.
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