Ranchi : सिमलिया पंचायत के चाला टोली में शनिवार को सरना धर्म कोड पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. अतिथि के तौर पर सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि प्रकृति पूजक आदिवासियों को सरना धर्म कोड देना होगा. आदिवासियों के लिए अलग जनगणना में जगह देना होगा. कहा कि इसके लिए आदिवासियों को एकजुट होकर लड़ाई लड़नी होगा. रांची में सरना संगठनों को एक मंच में आना होगा. धर्म कोड नहीं मिलने से आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में है. इसके लिए किसी एक को प्रतिनिधितत्व करने करने के लिए चुनना होगा. प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को विश्वास दिलाना होगा.
धर्म कोड नहीं मिलने से आदिवासी बंटा हुआ है- सुमित्रा
सेंगेल अभियान की संयोजक सुमित्रा मुर्मू ने कहा कि आदिवासियों को पहचान दिलाने के लिए सरना धर्म कोड जरूरी है. सरना धर्म कोड नहीं मिलने से आदिवासी बंटा हुआ है. धर्म कोड की लड़ाई वर्षों से चल रही है. इसके लिए गांव से लेकर शहर तक चेन बनाकर काम किया जा रहा है. मौके पर अनिल लोहरा,राजू खलखो, विक्रम उरांव, संदीप लकड़ा, रामकिशुन भगत, पारस उरांव, बिरसा उरांव, सोमे उरांव, कर्मा उरांव, विशेश्वर राम ओहदार, चमरू उरांव, बैजनाथ उरांव, प्रदीप मुंडा शामिल थे.
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