मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह प्रकरण में बातचीत से विवाद का समाधान होने की उम्मीद जगी है। मंगलवार को ईदगाह के अध्यक्ष डॉ. जहीर हसन ने लखनऊ में अपनी किताब के विमोचन के अवसर पर कहा कि वह मथुरा का माहौल बिगड़ने नहीं देंगे। दोनों पक्ष आपस में मिल बैठकर बातचीत से इसका हल निकालेंगे।
उन्होंने कहा कि भले ही मामला अदालत में चल रहा है परंतु अदालत के बाहर भी इसका हल निकालने का प्रयास करेंगे। आगे की बातचीत वह कमेटी के अन्य लोगों से बातचीत के बाद आगे बढ़ाएंगे। उनके इस बयान पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान के अध्यक्ष कपिल शर्मा ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि वह इस बयान से बहुत अधिक उत्साहित नहीं हैं। क्योंकि अयोध्या प्रकरण में इस प्रकार की वार्ताओं को कोई लाभ नहीं हुआ। बाद में न्यायालय का निर्णय ही धर्म सम्मत साबित हुआ। हालांकि बातचीत के लिए हमारे द्वार खुले हुए हैं।
पक्षकारों ने यह कहा
अदालत में पक्षकार श्रीकृष्ण जन्मभूमि मक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि वह पहले ही ईदगाह के पदाधिकारियों को ब्रज चौरासी कोस के बाहर मस्जिद के लिए इतनी ही जमीन देने का प्रस्ताव दे चुके हैं। यह हिंदुओं की आस्था का सवाल है। मुस्लिम पक्ष को शांति से भगवान श्रीकृष्ण की असली जन्मस्थली को छोड़ देना चाहिए। लखनऊ निवासी पक्षकार मनीष यादव ने लखनऊ में हुए इस आयोजन के बाद बताया कि वह इस प्रकार की बातचीत के पक्ष में तो हैं परंतु उन्हें विश्वास नहीं है कि मुस्लिम पक्ष बातचीत करेगा। यदि वह बातचीत से मामले को सुलझाना चाहते हैं तो उनका स्वागत है।
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह प्रकरण में बातचीत से विवाद का समाधान होने की उम्मीद जगी है। मंगलवार को ईदगाह के अध्यक्ष डॉ. जहीर हसन ने लखनऊ में अपनी किताब के विमोचन के अवसर पर कहा कि वह मथुरा का माहौल बिगड़ने नहीं देंगे। दोनों पक्ष आपस में मिल बैठकर बातचीत से इसका हल निकालेंगे।
उन्होंने कहा कि भले ही मामला अदालत में चल रहा है परंतु अदालत के बाहर भी इसका हल निकालने का प्रयास करेंगे। आगे की बातचीत वह कमेटी के अन्य लोगों से बातचीत के बाद आगे बढ़ाएंगे। उनके इस बयान पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान के अध्यक्ष कपिल शर्मा ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि वह इस बयान से बहुत अधिक उत्साहित नहीं हैं। क्योंकि अयोध्या प्रकरण में इस प्रकार की वार्ताओं को कोई लाभ नहीं हुआ। बाद में न्यायालय का निर्णय ही धर्म सम्मत साबित हुआ। हालांकि बातचीत के लिए हमारे द्वार खुले हुए हैं।
पक्षकारों ने यह कहा
अदालत में पक्षकार श्रीकृष्ण जन्मभूमि मक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि वह पहले ही ईदगाह के पदाधिकारियों को ब्रज चौरासी कोस के बाहर मस्जिद के लिए इतनी ही जमीन देने का प्रस्ताव दे चुके हैं। यह हिंदुओं की आस्था का सवाल है। मुस्लिम पक्ष को शांति से भगवान श्रीकृष्ण की असली जन्मस्थली को छोड़ देना चाहिए। लखनऊ निवासी पक्षकार मनीष यादव ने लखनऊ में हुए इस आयोजन के बाद बताया कि वह इस प्रकार की बातचीत के पक्ष में तो हैं परंतु उन्हें विश्वास नहीं है कि मुस्लिम पक्ष बातचीत करेगा। यदि वह बातचीत से मामले को सुलझाना चाहते हैं तो उनका स्वागत है।
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