लखनऊ: चीन के साथ अन्य देशों में कोविड का खतरा फिर बढ़ता दिख रहा है। भारत में भी कोरोना की नई लहर की आशंका बढ़ने लगी है, लेकिन लोग अब भी बूस्टर डोज नहीं लगवा रहे हैं। चार माह पहले डेढ़ से दो हजार बूस्टर डोज प्रतिदिन लग रही थी, जबकि पिछले बीस दिनों में प्रदेश में डेढ़ हजार लोगों को ही बूस्टर डोज लगी हैं। मंगलवार को पूरे शहर से महज 74 लोगों ने ही बूस्टर डोज लगवाई। लखनऊ की बात करें तो अब तक 25 फीसदी को ही बूस्टर डोज लगी है। आंकड़ों की बात करें तो अब तक शहर में कुल 45,68,852 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगी है। इनमें 40,20,623 लोगों ने ही दूसरी डोज लगवाई। पांच लाख से ज्यादा ऐसे लोग हैं जिन्होंने वैक्सीन की महज एक डोज लगवाई। दोनों डोज लगवाने वालों में सिर्फ 9,28,216 लोगों ने ही बूस्टर डोज लगवाई है। पूरी स्थिति की समीक्षा स्वयं सीएम योगी आदित्यनाथ करने वाले हैं। बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जिला स्तर पर समीक्ष करने के निर्देश दिए थे। सीएम योगी टीम-9 के साथ बैठक कर चीन में चल रही कोरोना लहर की स्थिति को देखते हुए यूपी में सतर्कता बरतने की तैयारी की जा रही है। यूपी में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या अभी 98 है। पिछले 24 घंटों में प्रदेश में पांच नए मरीजों में कोरोना संक्रमण के लक्षण का पता चला है।
रकार की ओर से कोरोना की बूस्टर डोज मुफ्त लगाई जा रही है, इसके बाद भी स्थिति ऐसी ही बनी हुई है। ऐसे में अब विभाग की ओर से एक बार फिर से बूस्टर डोज लगाने के लिए तैयारी शुरू की जा रही है। इसके लिए विभाग की ओर से बैठक कर अभियान भी चलाने की तैयारी है। लखनऊ की तरह यूपी में भी दोनों डोज लगवाने वालों की तुलना में बूस्टर डोज महज 25 फीसदी ने ही लगवाई है। यूपी में अब तक 17,69,54,785 ने पहली डोज लगवाई जा चुकी है जबकि दूसरी डोज 16,88,04,229 लोगों ने लगवाई है। इसकी तुलना में महज 4,48,09,193 करोड़ को ही बूस्टर डोज लगी है। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. एमके सिंह ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा बूस्टर डोज लगाने के लिए प्रयास किया जा रहा है, शासन की ओर से दिशा निर्देश आने के बाद आगे की रूप रेखा तैयार की जाएगी।अस्पताल अलर्ट, अब हर मरीज की जोनोम सीक्वेंसिंग
शहर में कोविड के मरीजों की संख्या भले ही दो है लेकिन चीन में कोविड के नए वैरिएंट के मरीज बढ़ने के बाद शहर में भी अस्पतालों को अलर्ट जारी कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है जिसके तहत मरीजों की भर्ती से लेकर जांच करने तक के इंतजाम की व्यवस्था का जायजा लिया जा रहा है। साथ ही अस्पतालों को भी एक्शन प्लान तैयार करने को कहा है। शहर में भी हर दिन कोविड की 500 से 700 लोगों की जांच हो रही है। इसमें ज्यादातर मरीज ऐसे हैं जो बाहर जाने वाले या किसी बीमारी से ग्रसित हैं, या फिर लक्षण के आधार पर जांच हो रही है। कोविड की जनरल स्क्रीनिंग अभी शहर में नहीं हो रही है।
सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। जितने भी मरीज पॉजिटिव आएंगे अब उनकी जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाएगी। केजीएमयू समेत दूसरे वैज्ञानिकों संस्थानों में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा है। इसके अलावा आरटी-पीसीआर जांच बढ़ाने के लिए कहा गया है। इसके अलावा जिन देशों में कोविड के मरीजों की संख्या ज्यादा है वहां से आने वाले यात्रियों की सूची तैयार कर आइसोलेशन में रखा जाएगा। कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आने वाले अधिक से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग कराई जाएगी।
गाजियाबाद में कोरोना को लेकर फिर अलर्ट
चीन समेत कई देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र और प्रदेश सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है। इसके बाद सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। शासन स्तर से कोरना के सभी नए मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग तैयारी कर रहा है। फिलहाल गाजियाबाद में कोरोना के 6 एक्टिव पेशेंट हैं, जिनका होम आइसोलेशन में उपचार चल रहा है। केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश सरकार ने सूबे में मिलने वाले कोरोना के सभी नए मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विदेशों से आने वाले यात्रियों की कोरोना जांच के निर्देश भी दिए गए हैं।
हालांकि, जिले के स्वास्थ्य अधिकारी फिलहाल शासन की ओर से कोई गाइड लाइन मिलने से इनकार कर रहे हैं। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता का कहना है कि शासन से गाइडलाइंस आने के बाद उसके अनुसार कोरोना मैनेजमेंट किया जाएगा। फिलहाल जिले में कोरोना जांच बढ़ाई जा ही रही है।
इन स्थानों पर ही हो रही है कोविड टेस्टिंग
जिले में एक दिसंबर से 11 दिसंबर तक कोरोना का कोई मरीज नहीं मिला। उसके बाद अब तक केवल 6 नए मरीज मिले हैं, जिनका उपचार होम आइसोलेशन में चल रहा है। कोरोना संक्रमण कम होने पर जिले के अधिकांश कोविड टेस्टिंग सेंटर बंद कर दिए गए। फिलहाल एमएमजी और कंबाइंड अस्पताल के अलावा चार सीएचसी पर सैंपल कलेक्शन किया जा रहा है। जिला सर्विलांस अधिकारी के अनुसार फिलहाल रोजाना 500 से 600 सैंपल लिए जा रहे हैं। शासन के निर्देश पर इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।8 लाख लोगों को लगी बूस्टर डोज
अपना जिला कोविड वैक्सीनेशन के मामले में सूबे के टॉप तीन जिलों में शुमार होता है। जिले में 112 प्रतिशत से ज्यादा कोविड वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं। इसके अलावा 8 लाख से ज्यादा लोगों को बूस्टर डोज भी लगाई जा चुकी है। जिले में लगभग 25 लाख लोगों को बूस्टर डोज लगनी है, लेकिन संक्रमण का प्रभाव खत्म होने पर लोग बूस्टर डोज लगवाने से बच रहे हैं। फिलहाल जिले में वैक्सीन की 1500 डोज बची हैं। अधिकारियों के अनुसार वैक्सीन मिलने पर बड़े स्तर पर बूस्टर डोज लगाई जाएंगी।
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