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कमीशनखोरी में घिरे छत्रपति शाहूजी महाराज विवि, कानपुर के कुलपति प्रो. विनय पाठक को एसटीएफ ने फिर नोटिस भेजकर 20 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। इससे पहले भी एसटीएफ पाठक को तीन बार नोटिस जारी कर चुकी है पर वे अभी हाजिर नहीं हुए हैं।
पाठक के सहयोगी संतोष सिंह की सीतापुर से गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ के हाथ कुछ अहम सुराग लगे हैं। इसी के बाद पाठक को एक और नोटिस जारी किया गया है। सूत्र बताते हैं कि पाठक के कमीशनखोरी के खेल में संतोष अहम राजदार है। पाठक के बारे में कुछ पुख्ता सुबूत जुटाने के बाद एसटीएफ जल्द बड़ी कार्रवाई कर सकती है।
जल्द कुछ और गिरफ्तारियां
प्रो. विनय पाठक की कमीशनखोरी के राजदार संतोष सिंह से हुई पूछताछ के आधार पर एसटीएफ जल्द कुछ और लोगों की गिरफ्तारी कर सकती है। जांच एजेंसी से जुड़े अफसरों का कहना है कि पूर्व में गिरफ्तार प्रो. पाठक के सहयोगी अजय मिश्रा के साथ संतोष कमीशनखोरी के खेल में शामिल था।
यह बात भी सामने आई है कि संतोष और अजय प्रो. पाठक से संबंधित विश्वविद्यालयों और उनके कॉलेजों में गैरजरूरी काम कराने के नाम पर सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये की हेराफेरी में शामिल रहा है। संतोष से मिले सुराग के आधार पर एसटीएफ कुछ और लोगों पर नजर गड़ाए हुए है। इसी आधार पर पाठक पर शिकंजा कसने की तैयारी है। पूछताछ में संतोष ने कानपुर विवि के अलावा एकेटीयू और आगरा के डॉ. भीम राव आंबेडकर विवि में पाठक के कार्यकाल में कराए गए निर्माण कार्य में अनियमितता समेत अन्य कई कारगुजारियों के बारे में बताया है। इन्हीं मामलों में साक्ष्य जुटाकर जांच एजेंसी बड़ी कार्रवाई करेगी।
कमीशनखोरी में घिरे छत्रपति शाहूजी महाराज विवि, कानपुर के कुलपति प्रो. विनय पाठक को एसटीएफ ने फिर नोटिस भेजकर 20 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। इससे पहले भी एसटीएफ पाठक को तीन बार नोटिस जारी कर चुकी है पर वे अभी हाजिर नहीं हुए हैं।
पाठक के सहयोगी संतोष सिंह की सीतापुर से गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ के हाथ कुछ अहम सुराग लगे हैं। इसी के बाद पाठक को एक और नोटिस जारी किया गया है। सूत्र बताते हैं कि पाठक के कमीशनखोरी के खेल में संतोष अहम राजदार है। पाठक के बारे में कुछ पुख्ता सुबूत जुटाने के बाद एसटीएफ जल्द बड़ी कार्रवाई कर सकती है।
जल्द कुछ और गिरफ्तारियां
प्रो. विनय पाठक की कमीशनखोरी के राजदार संतोष सिंह से हुई पूछताछ के आधार पर एसटीएफ जल्द कुछ और लोगों की गिरफ्तारी कर सकती है। जांच एजेंसी से जुड़े अफसरों का कहना है कि पूर्व में गिरफ्तार प्रो. पाठक के सहयोगी अजय मिश्रा के साथ संतोष कमीशनखोरी के खेल में शामिल था।
यह बात भी सामने आई है कि संतोष और अजय प्रो. पाठक से संबंधित विश्वविद्यालयों और उनके कॉलेजों में गैरजरूरी काम कराने के नाम पर सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये की हेराफेरी में शामिल रहा है। संतोष से मिले सुराग के आधार पर एसटीएफ कुछ और लोगों पर नजर गड़ाए हुए है। इसी आधार पर पाठक पर शिकंजा कसने की तैयारी है। पूछताछ में संतोष ने कानपुर विवि के अलावा एकेटीयू और आगरा के डॉ. भीम राव आंबेडकर विवि में पाठक के कार्यकाल में कराए गए निर्माण कार्य में अनियमितता समेत अन्य कई कारगुजारियों के बारे में बताया है। इन्हीं मामलों में साक्ष्य जुटाकर जांच एजेंसी बड़ी कार्रवाई करेगी।
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