प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती के अवसर के महत्व को रेखांकित किया, जिसे पूरे वर्ष बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता रहेगा। पीएम मोदी ने कहा कि जब कई बड़े आयोजन एक साथ होते हैं तो अक्सर उनके पीछे ‘योग-शक्ति’ यानी एक सामूहिक और एकजुट करने वाली शक्ति होती है। प्रधानमंत्री ने कई महान हस्तियों का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल स्वतंत्रता ग्राम में योगदान दिया, बल्कि राष्ट्र की आत्मा को भी नया जीवन दिया। उनमें से तीन व्यक्तित्व, श्री अरबिंदो, स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी के जीवन में एक ही समय में कई महान घटनाएं हुईं। इन घटनाओं ने न केवल इन हस्तियों के जीवन को बदला, बल्कि राष्ट्रीय जीवन में भी दूरगामी परिवर्तन हुए।प्रधानमंत्री ने बताया कि वर्ष 1893 में श्री अरबिंदो भारत लौट आए और उसी वर्ष स्वामी विवेकानंद विश्व धर्म संसद में अपना प्रतिष्ठित भाषण देने के लिए अमेरिका गए। गांधी जी उसी वर्ष दक्षिण अफ्रीका गए, जहां से उनके महात्मा गांधी बनने की यात्रा की शुरुआत हुई। उन्होंने उल्लेख किया कि वर्तमान समय में भारत ऐसे ही अनकों संयोंगों का साक्षी बन रहा है। जब देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष मना रहा है और अमृत काल की अपनी यात्रा शुरू कर रहा है, क्योंकि हम श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती और नेताजी सुभाष की 125वीं जयंती माना रहे हैं। पुडुचेरी के कंबन कलई संगम में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री ने श्री अरबिंदो के सम्मान में एक स्मारक सिक्का और एक डाक टिकट भी जारी किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री अरबिंदो एक ऐसे व्यक्तित्व थे जिनके जीवन में आधुनिक वैज्ञानिक सोच, राजनीतिक विद्रोह और साथ ही परमात्मा की भावना भी थी। श्री अरबिंदो ने बंगाल विभाजन के दौरान उनके ‘कोई समझौता नहीं’ का नारा दिया था।
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