अखंड प्रताप सिंह, गाजियाबादः जीटी रोड पर लालकुआं से ज्ञानी बॉर्डर के बीच का सफर किसी सजा से कम नहीं है। लोगों ने कई जगह अतिक्रमण कर रखा है। कुछ जगह तो सड़क खस्ताहाल है। कई पॉइंट ऐसे हैं, जहां ट्रैफिक जाम लगना आम बात हो चुकी है। हल्की बारिश में भी जलभराव की समस्या लंबे समय से बनी है। अब इन सब दिक्कतों को दूर कराने का जिम्मा नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने उठाया है। करीब 300 करोड़ रुपये में इस रोड के 14.5 किमी के हिस्से को रीडिवेलप किया जाएगा। एनएचएआई की तैयारी है कि अगले महीने से काम शुरू कराया जाए। इसका डीपीआर अगले सप्ताह तक तैयार होने की उम्मीद है। अप्रूवल के बाद टेंडर जारी करने की तैयारी है।
एनएचएआई के प्रॉजेक्ट डायरेक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि जीटी रोड अब पीडब्ल्यूडी से एनएचएआई के पास आ गया है। इसलिए इसके रीडेवलपमेंट के लिए डीपीआर तैयार करा रहे हैं। मंगलवार तक डीपीआर फाइनल हो जाएगी। दिसंबर तक इसका काम शुरू कराने का लक्ष्य रखा गया है। यह अपने आप में एक मॉडल रोड होगी। जाम की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। इसके लिए एनएचएआई करीब 300 करोड़ रुपये खर्च करेगा। फिलहाल इस हिस्से के रीडेवलपमेंट के लिए एनएचएआई के सामने सबसे बड़ी चुनौती अतिक्रमण को हटाना होगा। क्योंकि शहर के बीच से गुजरते इस रोड पर बहुत अधिक अतिक्रमण लोगों ने कर रखा है। कुछ जगह तो पक्का निर्माण भी हो गया है।
प्रतिदिन चलते हैं लाखों वाहन
जीटी रोड से होकर प्रतिदिन लाखों लोग दिल्ली, साहिबाबाद, वसुंधरा, वैशाली, इंदिरापुरम, शालीमार गार्डन, लोनी की तरफ आते-जाते हैं। ज्ञानी बॉर्डर से लेकर लालकुआं तक इस रोड की हालत खराब है। यह रोड शहर के बीच से होकर गुजरती है। इससे इस पर लोकल ट्रैफिक अधिक होता है। जिले की सीमा में इस रोड से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ हाइवे और एनएच 9 जुड़ता है। जीटी रोड पर दूसरे जिले और प्रदेश के वाहनों की भी काफी संख्या होती है।
बंद किए जाएंगे अवैध कट, ऊंचा होगा फुटपाथ
एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि लालकुंआ से लेकर ज्ञानी बॉर्डर तक करीब साढ़े 14 किमी के इस हिस्से में काम किया जाएगा। यह मार्ग चार लेन का ही रहेगा। दोनों किनारों पर सड़क से ऊंचा फुटपाथ बनाया जाएगा। जगह जगह लोगों के बनाए अवैध कट बंद किए जाएंगे। यू-टर्न बनाने के साथ ही ट्रैफिक सिग्नल भी लगाए जाएंगे। इसमें सड़क चौड़ीकरण से लेकर जंक्शन और रोटरी भी तैयार की जाएगी। इससे ट्रैफिक को बिना किसी रुकावट से आसानी से आने जाने का मौका मिल सकेगा।
पूरे हिस्से का होगा ड्रेनेज प्लान
अधिकारियों ने बताया कि इस पूरे हिस्से का नया ड्रेनेज प्लान तैयार किया जा रहा है। इससे पानी की निकासी का सही से इंतजाम हो सकेगा। जलभराव का संकट खत्म हो जाएगा। यूटिलिटी शिफ्टिंग का काम भी किया जाएगा, जिससे सड़क के जाममुक्त किया जा सके। धोबीघाट आरओबी के बनने की वजह से जीडीए ने पहले चौधरी मोड़ से रमतेराम रोड तक जीटी रोड के चौड़ीकरण यूटर्न का प्लान तैयार किया था। इसका एस्टीमेट भी तैयार हो चुका था। जब यह सड़क एनएचएआई को हैंडओवर हो गई तो जीडीए पीछे हट गया। एनएचएआई के काम किए जाने से जीडीए को काफी राहत मिल जाएगी।
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