नोएडा: यमुना अथॉरिटी एरिया में विकास की रफ्तार तेज हो गई है। अथॉरिटी कोशिश कर रही है कि यहां स्थापित होने वाले बड़े उद्योगों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिले। इसके लिए नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी के तहत अब जो भी इंडस्ट्रियल यूनिट यहां लगाई जाएंगी उनमें महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए पॉलिसी में प्रावधान किया गया है। अब नई इंडस्ट्रियल यूनिट स्थापित करने के दौरान यदि निवेशक 75 प्रतिशत तक महिला कर्मचारी रखने के बायलॉज बताते हैं तो उन्हें विशेष प्रकार की आर्थिक छूट दी जाएंगी।
निवेशक को इंडस्ट्री की स्थापना में आर्थिक मदद मिल सकेगी और ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को रोजगार मिल सकेगा। बता दें कि हाल ही में शासन स्तर से नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी का प्रस्ताव पास कर दिया गया है। यमुना अथॉरिटी को इस नई पॉलिसी का प्रस्ताव पास होने का बेसब्री से इंतजार था, क्योंकि यहां बड़े पैमाने पर उद्योगों स्थापित होने को हैं। पॉलिसी बनने के बाद अथॉरिटी इंडस्ट्रियल प्लॉट की स्कीम भी अथॉरिटी जल्द लेकर आ रही है।
नई पॉलिसी के तहत निवेशकों की चार अलग-अलग कैटिगरी बनाई गई हैं। इनमें पहली में 200 करोड़ तक के निवेशक आएंगे। दूसरी में 200-500 करोड़, तीसरी में 500 से 3000 करोड़ तक के निवेशक आएंगे और चौथी अल्ट्रा मेधा कैटिगरी होगी, जिसमें 3 हजार करोड़ से अधिक के निवेशक आएंगे। इनके लिए अलग-अलग हब होंगे और प्लॉट की स्कीम भी उसी के अनुसार निकाली जाएगी।
स्टांप शुल्क में 50 प्रतिशत की मिलेगी छूट
गौतमबुद्धनगर में इंडस्ट्री स्थापित करने पर निवेशक को स्टांप शुल्क में 50 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी। प्रदेश के दूसरे जिलों में यह छूट अलग-अलग है। इसके अलावा पूंजी निवेश प्रोत्साहन के तहत अलग-अलग कैटिगरी में कैपिटल पर 15 से 22 प्रतिशत तक की छूट का प्रावधान रखा गया है। साथ ही, प्रदेश सरकार और भारत सरकार की ओर से जो भी छूटों का प्रावधान किया गया है, वह सभी दी जाएंगी। पॉलिसी में यह प्रावधान किया गया है कि यदि कोई नई इंडस्ट्री अपनी स्थापना के दौरान कुल कर्मचारियों में 75 प्रतिशत महिला कर्मचारी रखने का प्रावधान करता हैं तो उस निवेशक को दो प्रतिशत की ईसीआई (इलिजिबल कैपिटल इंवेस्टमेंट) की छूट मिलेगी। यह निर्भर करेगा कि इंडस्ट्री लगाने के लिए निवेशक कितना बड़ा प्लॉट ले रहा है और उसका रेट क्या है।
यमुना अथॉरिटी के सीईओ अरुणवीर सिंह ने कहा कि नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर विशेष फोकस रखा गया है। यमुना अथॉरिटी में अब बड़े पैमाने पर उद्योग स्थापित किए जाएंगे। हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि ज्यादा से ज्यादा इंडस्ट्री में निवेशकों को 75 प्रतिशत महिला कर्मचारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। उसके लिए जो भी ज्यादा भी ज्यादा आर्थिक लाभ उन्हें दिया जा सकता है वह दिया जाएगा।
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