आज पर्यटन के मानचित्र पर बिजनौर के लिए अहम दिन है। राज्य बंटवारे के बाद अमानगढ़ टाइगर रिजर्व बिजनौर के हिस्से में आया, लेकिन वहां कार्बेट की तर्ज पर कभी पर्यटन शुरू नहीं हो सका। आज से अमानगढ़ में पर्यटकों को प्रवेश मिलना शुरू हो जाएगा। प्रशासन से लेकर वन विभाग तक सभी इसके लिए उत्साहित हैं। पर्यटकों के लिए 30 किलोमीटर की जंगल सफारी का ट्रैक निश्चित कर दिया गया है। वहीं जिप्सी से लेकर गाइड तक सभी का शुल्क भी निर्धारित कर दिया है।
वन्यजीव बाहुल्य इस वन रेंज में सैर सपाटा करने और वन्यजीवों को देखने का सपना आज साकार होने जा रहा है। अमानगढ़ की गोद प्रकृति ने पेड़-पौधों व सुंदर वन्यजीवों से भरी हुई है। क्षेत्रफल की बात करें तो अमानगढ़ का रकबा एक लाख बीघा जमीन से अधिक है। उत्तराखंड बनने से पहले यह जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का बफर जोन होता था। यह अपने आप में वन्य जीव, सैकड़ों प्रजाति के पक्षी, वनस्पति को समेटे हुए है।
अभी अमानगढ़ के अंदर वन विभाग ने पर्यटकों ने 30 किलोमीटर ट्रैक घूमने के लिए निर्धारित किया है। यदि फीस की बात करें तो फिलहाल एक जिप्सी में पांच लोगों को जाने की अनुमति होगी और पर्यटकों को इसके लिए 2280 रुपये का शुल्क देना होगा। वहीं इसमें प्रति पर्यटक 200 रुपये, एक गाइड के लिए 400 रुपये शुल्क देना होगा।
27 बाघ और सौ से ज्यादा हाथी हैं आकर्षण का केंद्र
अमानगढ़ वन रेंज में हर वो वन्य जीव मौजूद हैं, जिसे देखने लोग हजारों रुपये खर्च कर कार्बेट पार्क जाते हैं। वहां पर 27 बाघ और सौ से ज्यादा हाथी हैं। इसके अलावा भालू, गुलदार, पैंगोलिन, अजगर जैसे जीव भी दिखाई देते हैं। यहां पर चीतल, हिरण के दर्जनों की संख्या में झुंड दिखाई पड़ते हैं।
अमानगढ़ में वन्यजीवों की स्थिति
वन्य जीव संख्या
बाघ 27
गुलदार 45
चिकारा 06
काला हिरन 50
सांभर 226
बारहसिंगा 37
भालू 9
मोर 1074
(नोट: आंकड़े वन विभाग से लिए गए हैं।)
दुर्लभ प्रजाति के लकड़बग्घे मिले
अमानगढ़ के एरिया के पास में सफेद धारी वाले लकड़बग्घे भी मिले थे। ये दुर्लभ प्रजाति के होते हैं। इनके होने का पहले पता तक नहीं था। दो साल पहले किसी वाहन की चपेट में आकर एक लकड़बग्घे की मौत हो गई थी। तब पहली बार वहां लकड़बग्घा होने का पता चला था। इसके कुछ दिन बाद एक लकड़बग्घे ने किसानों पर भी हमला बोल दिया था और किसानों ने उसे मार दिया था।
जिले के लिए बड़ी उपलब्धि : डीएम
डीएम उमेश मिश्रा ने कहा कि अमानगढ़ में पर्यटन शुरू होना जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है। इससे जिले की ऐतिहासिक और पौराणिक धरोहर को भी पहचान मिलेगी और पूरा बिजनौर पर्यटन के मानचित्र पर अलग पहचान कायम करेगा। लोग गंगा बैराज बिजनौर, विदुरकुटी, मोरध्वज का किला, पत्थरगढ़ का किला, मालन समेत तमाम जगहों को देखने बिजनौर आएंगे।
हमारी तैयारी पूरी, आज देंगे प्रवेश: डीएफओ
डीएफओ डॉ. अनिल पटेल ने बताया कि हम पर्यटन शुरू करने की तैयारी पूरी कर चुके हैं। रास्ते, गेट तैयार हो गए हैं। साथ ही जंगल से बाहर कुछ वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी कराई हैं। कल पर्यटकों का पहले दल को जंगल में प्रवेश दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि फीस आदि भी तय कर ली गई है।
डीएम ने किया निरीक्षण, कार्य तेजी से कराने के निर्देश दिए
अमानगढ़ में पर्यटन शुरू होने से एक दिन पहले डीएम उमेश मिश्रा ने केहरीपुर का दौरा किया और वहां हो रही तैयारियों का जायजा लिया। डीएम ने संबंधित विभागों को सौंपी गई जिम्मेदारियों को पूरा करने के निर्देश दिए। इससे पूर्व डीएम ने प्रेसवार्ता कर अमानगढ़ में पर्यटन के प्रयास के बारे में विस्तार से बताया। सोमवार शाम डीएम अमानगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंचे। डीएम ने डीएफओ डॉ. अनिल पटेल को निर्देश देते हुए कहा कि मंगलवार को अमानगढ़ टाइगर रेंज में पर्यटन शुरू करने से संबंधित सभी तैयारियां पूरी कर लें। पर्यटकों के लिए शौचालय, स्वच्छ पेयजल, ठहरने एवं विश्राम के लिए उपयुक्त स्थान आदि आवश्यक सभी व्यवस्थाओं को गुणवत्ता पूर्वक पूरा करने के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश भी दिए।
More Stories
एमपी का मौसम: एमपी के 7 शहरों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे, भोपाल में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे
Mallikarjun Kharge झारखंड का जल, जंगल, जमीन लूटने के लिए सरकार बनाना चाहती है भाजपा: खड़गे
Ramvichar Netam: छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम सड़क हादसे में घायल, ग्रीन कॉरिडोर से लाया जा रहा रायपुर