लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के प्राग नारायण रोड पर स्थित अलाया अपार्टमेंट के बचे हिस्से को सोमवार को गिराने की तैयारियां पूरी करा ली गई हैं। वहीं, इस मामले में लोगों का विरोध भी सामने आया है। लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी (LDA) ने प्राग नारायण रोड स्थित पांच मंजिला अलाया हेरिटेज अपार्टमेंट का बचा हिस्सा सोमवार को गिराने का फैसला किया है। इसका पता चलने पर अपार्टमेंट में फ्लैट खरीद चुके लोग विरोध पर उतर आए हैं। फिलहाल अपार्टमेंट के पिछले हिस्से में पांच परिवार रह रहे हैं। पुलिस ने शनिवार रात इन लोगों को जबरन बाहर निकाल दिया, जिसके बाद रविवार सुबह इन आवंटियों ने अपार्टमेंट के बाहर एलडीए के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। अलाया अपार्टमेंट के पास सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है।
एलडीए ने इसी साल 30 मार्च को अलाया हैरिटेज अपार्टमेंट का ध्वस्तीकरण अभियान चलाया था। इसमें इमारत के अगले हिस्से की कुछ दीवारें तोड़ दी गई थीं, जबकि पिछले हिस्सा छोड़ दिया था। अब एलडीए ने अपार्टमेंट को पूरी तरह गिराने के लिए सोमवार को अभियान चलाने का फैसला किया है। आरोप है कि अपार्टमेंट का मानचित्र और रजिस्ट्री समेत एलडीए के कई फर्जी दस्तावेज तैयार कर रेरा में रजिस्ट्रेशन करवाया गया था। एलडीए अफसरों के अनुसार, अवैध तरीके से बने अपार्टमेंट को साल 2017 में भी नोटिस जारी हुआ था। दस्तावेज की जांच में पता चला कि डिवेलपर ने फर्जी मानचित्र पर रेरा में रजिस्ट्रेशन करवाया था। रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर देखकर लोगों ने फ्लैट भी खरीद लिए। इतना ही नहीं, जमीन रजिस्ट्री के दस्तावेज में भी गड़बड़ी मिली है।
विभागों के दस्तावेज देखने के बाद खरीदे फ्लैट
ध्वस्तीकरण के खिलाफ रविवार को सड़क पर उतरे आवंटियों ने सवाल उठाया कि बिना दस्तावेज पांच मंजिला अपार्टमेंट बन गया, लेकिन एलडीए अफसर आंख-कान बंद किए रहे। रेरा ने बिना दस्तावेज देखे प्रॉजेक्ट रजिस्टर कर लिया। बैंकों ने प्रॉजेक्ट को सही ठहराते हुए लोन दे दिया और रजिस्ट्री विभाग ने फलैटों की रजिस्ट्री कर दी। यही नहीं, नगर निगम से लेकर फायर विभाग और जलकल ने प्रॉजेक्ट को एनओसी दे दी। इतने सारे विभागों के दस्तावेज देखने के बाद आवंटियों ने फ्लैट खरीदा तो अब अचानक इमारत को अवैध बताया जा रहा है।
जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई की मांग
अपार्टमेंट में फ्लैट 304 की आवंटी श्रुति ने बताया कि उन्होंने फरवरी 2022 में थ्री बीएचके फ्लैट खरीदा था। बैंक से लोन लेकर 38 लाख रुपये जमा किए और रजिस्ट्री करवाई, लेकिन अब इसे अवैध बताया जा रहा है। वहीं, फ्लैट नंबर 311 के आवंटी अमित ने सवाल उठाया कि पांच मंजिला इमारत एक दिन में तो बनी नहीं है। यह अवैध है तो इसके जिम्मेदारों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
एलडीए जोन 6 के न्यायिक विहित प्राधिकारी रामशंकर ने कहा कि याजदान डिवेलपर के अलाया हेरिटेज अपार्टमेंट पर कार्रवाई होनी है। इसके लिए पुलिस फोर्स मांग ली गई है। इमारत का मानचित्र पास नहीं है। जमीन के दस्तावेज और रजिस्ट्री भी संदिग्ध है। ध्वस्तीकरण का फैसला पूरी तरह सही है।
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