प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मुहिम जारी है। अब कोई भी आर्थिक अपराधी चाहे देश में हो या विदेश में बच नहीं पाएगा। मोदी सरकार और भारत की आर्थिक सुरक्षा एजेंसियों के लगातार प्रयास का नतीजा है कि भगोड़े कारोबारियों के भारत प्रत्यर्पण का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। जहां लंदन हाई कोर्ट ने भगोड़े नीरव मोदी की अर्जी खारिज कर उसके प्रत्यर्पण का रास्ता साफ कर दिया, वहीं लंदन स्थित बिजनेसमैन संजय भंडारी के मामले में ब्रिटेन की अदालत ने प्रत्यर्पण का फैसला सुनाया। इसे मोदी सरकार और भारतीय एजेंसियों की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है।
लंदन हाई कोर्ट में लॉर्ड जस्टिस जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और जस्टिस रॉबर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि नीरव मोदी को भारत वापस प्रत्यर्पित करना अन्यायपूर्ण या दमनकारी नहीं होगा। नीरव 7 हजार करोड़ के घोटाले का आरोपी है। 51 साल का कारोबारी नीरव दक्षिण-पूर्वी लंदन में वैंड्सवर्थ जेल में है। उसे पिछले साल फरवरी में प्रत्यर्पण के पक्ष में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने की अनुमति दी गई थी। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने नीरव को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसी फैसले के बाद उसने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
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