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लखनऊ और नोएडा के बाद इन जिलों में लागू होगी पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था, क्या आपके शहर का है नाम?

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुधारने के लिये योगी सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। फिर चाहे अपराधी, माफिया और उनकी अवैध सम्पत्ति पर बुल्डोजर चलाकर उनकी कमर तोड़ने की बात हो, या फिर पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू करके पुलिस व्यवस्था को दुरुसत करना। हर मामले में सीएम योगी सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हट रहे हैं। इसी क्रम में अब चर्चा है कि 3 से 4 बड़े जिलों में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था को लागू करके कमिश्नरेट प्रणाली को विस्तार देने जा रहे है। बता दें, लखनऊ नोएडा समेत प्रदेश के 4 जिलों में पहले से ही पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू है।

मिल रही जानकारी के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर बॉर्डर से सटे गाजियाबाद जिले, ताज नगरी आगरा और इलाहाबाद जो अब प्रयागराज के नाम से जाना जाता है वहां पर जल्द ही योगी सरकार पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू करने का एलान कर सकती है। सीएम योगी के गृहजनपद गोरखपुर के नाम की भी चर्चा जोरों पर हैं। लेकिन फिलहाल गाजियाबाद, प्रयागराज और आगरा को लेकर अभी तक जो भी कयास बाजी चल रही थी उसपर कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, इसके लिये पुलिस महानिदेशक यूपी की ओर से गृह विभाग को प्रस्ताव भी भेज दिया गया है।

इससे पहले राजधानी लखनऊ, नोएडा, वाराणसी और कानपुर में इस प्रणाली को सीएम योगी ने अपने पहले कार्यकाल में ही लागू कर दिया था। वहीं जिन जिलों में पुलिस कमिश्नरेट लागू होता है वहां एडीजी रैंक का अधिकारी पुलिस आयुक्त बनता है जिसे पुलिस कमिश्नर भी कहते हैं। जिले को जोन में बांटने के साथ ही उसकी जिम्मेदारी एसपी रैंक के अधिकारी को डीसीपी को सौंपी जाती है उसके बाद अपर पुलिस आयुक्त तैनात होते हैं। वहीं सर्किल ऑफिसर की जगह सहायक पुलिस आयुक्त होता है एसीपी के नीचे थानों के एसएचओ होते हैं।

बता दें, पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने के बाद पुलिस अधिकारियों को मैजिस्ट्रेट पॉवर भी मिल जाती है। इसके बाद कानून-व्यवस्था से जुड़े तमाम मुद्दों पर पुलिस कमिश्नर निर्णय ले सकते हैं। वहीं जिन जिलों में आबादी ज्यादा है उन जिलों में यह प्रणाली लागू करने के लिए कदम उठाया जा रहा है। गाजियाबाद, दिल्ली-एनसीआर से सटा जिला है। वहां की आबादी भी ज्यादा है। इतना ही नहीं, वहां की कानून व्यवस्था पर लगातार सवाल उठते रहे हैं।

वहीं, प्रयागराज जैसे बड़े जिले में भी आबादी अधिक है। धार्मिक और व्यावसायिक दृष्टि से भी यह शहर महत्वपूर्ण है। यहां हाईकोर्ट होने से संवेदनशीलता और बढ़ जाती है। यही वजह है कि प्रयागराज में कमिश्नरेट प्रणाली की जरूरत बनी हुई है। इसी तरह आगरा आबादी, कारोबार, पर्यटन के हिसाब से बड़ा शहर हैं। इस वजह से यहां भी पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने की चर्चाएं लम्बे समय से चल रही थी।