आज से ठीक 6 साल पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक क्रांतिकारी फैसला किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को राष्ट्र को संबोधित करते हुए नोटबंदी का ऐलान किया था। उन्होंने 8 नवंबर को रात 12 बजे से 500 और 1000 के नोट को देश में बैन करने की घोषणा की थी। मोदी सरकार के इस घोषणा का सबसे ज्यादा असर डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में देखने को मिला है। आज हर कोई डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता दे रहा है, जो UPI और ई वॉलेट की सफलता की कहानी कह रहा है। दुनिया भी भारत की डिजिटल पेमेंट में आई क्रांति देखकर हैरान है।
नोटबंदी को जब लागू किया गया था तो कांग्रसे के दिग्गज नेताओं के साथ कई लोगों ने भारत में डिजिटल पेमेंट को लेकर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि भारत में डिजिटल पेमेंट का आधारभूत ढांचा नहीं है। लोग तकनीकी रूप से सक्षम नहीं है। यहां तक कि गरीबी और अशिक्षा का हवाला देकर डिजिटल पेमेंट की सफलता पर आशंकाएं जतायी थीं। लेकिन आज उसी जनता ने उनके सभी आशंकाओं को गलत साबित कर दिया है और बता दिया है कि कांग्रेस और उसके नेताओं को भारत के लोगों की क्षमता पर भरोसा नहीं है।
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