पढ़ई तुहंर दुआर 3.0 पोस्ट कोविड बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए स्कूल स्तर से राज्य स्तर तक विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। यह प्रतियोगिताएं 4 नवम्बर से 30 नवम्बर तक होंगी।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी विभिन्न प्रतियोगिताओं की गतिविधि कैलेण्डर के अनुसार निबंध, तात्कालिक भाषण, चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन स्कूल स्तर पर 4 और 5 नवम्बर को, विकासखंड स्तर पर 6 एवं 7 नवम्बर को, जिला स्तर पर 8 नवम्बर, संभाग स्तर पर 9 एवं 10 नवम्बर और राज्य स्तर पर 12 से 14 नवम्बर तक किया जाना है। खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन, विज्ञान प्रोजेक्ट प्रदर्शन प्रतियोगिता एवं मौखिक गणित या स्पीड गणित पर आधारित प्रतियोगिताएं, गणित एवं विज्ञान, ओलम्पियाड, सामान्य ज्ञान पर आधारित क्विज प्रतियोगिता का आयोजन कक्षा 6वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल स्तर पर 6 एवं 7 नवम्बर को, विकासखंड स्तर पर 8 नवम्बर को, जिला स्तर पर 9 नवम्बर, संभाग स्तर पर 10 नवम्बर और राज्य स्तर पर 12 से 14 नवम्बर तक किया किया जाएगा। इसके अलावा राज्य स्तर पर कलाउत्सव का आयोजन 22 से 30 नवम्बर तक किया जाएगा।
निबंध एवं भाषण एवं तात्कालिक भाषण, चित्रकला की सभी स्तर की प्रतियोगिताओं में विषय तत्कालिक रूप से दिया जाएगा। कक्षा 6वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए आयोजित होने वाली प्रतियोगिता में विज्ञान प्रोजेक्ट के अंतर्गत चार सदस्यों की टीम होगी। गणित एवं विज्ञान ओलम्पियाड, सामान्य ज्ञान पर आधारित क्विज प्रतियोगिताओं के अंतर्गत दो-दो सदस्यों की टीम होगी तथा मौखिक गणित की प्रतियोगिता व्यक्तिगत होगी। पिट्ठुल प्रतियोगिता की एक टीम में 6 सदस्य एवं 4 रिजर्व खिलाड़ी होंगे। रस्साकशी प्रतियोगिता की एक टीम में अधिकतम सात सदस्य होंगे। खेल प्रतियोगिता अंतर्गत कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल, हॉकी, टेनिस बॉल किक्रेट, गेड़ी और पिट्ठुल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रतियोगिता आयोजन के संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला मिशन समन्वयक को निर्देश जारी किए है। स्कूल के प्रत्येक बच्चे को किसी न किसी प्रतियोगिता में शामिल होना अनिवार्य है। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक प्रकार की प्रतियोगिता के आयोजन के लिए जिला स्तर से लेकर विकासखंड स्तर तक विशेषज्ञ दल का गठन कर उन्हें आयोजन की पूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाए।
उल्लेखनीय है कि कोविड-लॉकडाउन की वहज से बच्चों को स्कूल से, उनके दोस्तों से, सामाजीकरण की प्रक्रिया से अलग रहना पड़ा, ऐसे में अंतर्मुखी हो रहे बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए राज्य की ओर से विशेष प्रयास किए जा रहे है। स्कूल स्तर पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं होने से बच्चों में प्रतिभा का विकास होता है। खासकर कमजोर बच्चों को आगे बढ़ने में सहायक होता है। इसलिए गुणवत्तापूर्ण एवं अच्छी शिक्षा के साथ-साथ हर क्षेत्र में बच्चों के बीच स्वस्थ्य प्रतियोगिता होनी चाहिए।
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