मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की बेटियों को शिक्षा में सहयोग के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में विकास और सामाजिक नेतृत्व के लिए सक्षम बनाया जाएगा। लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 का क्रियान्वयन इसी उद्देश्य से ही प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज रविन्द्र भवन भोपाल में योजना के अंतर्गत 1477 लाड़ली लक्ष्मी बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए 1 करोड़ 85 लाख रूपये की राशि अंतरित कर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। खुशी का अंदाजा नहीं लगा सकते। रोम-रोम पुलकित है। आज वो बेटियाँ कॉलेज की पढ़ाई शुरू कर रही हैं, जिन्हें गोद में खिलाया था। उन नन्हीं बेटियों को अपने हाथों से प्रमाण-पत्र दिए थे। आज उन्हीं बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए सहायता राशि देने का सौभाग्य मिला है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी बेटियों को नमन करते हुए कहा कि यह दिन मध्यप्रदेश के इतिहास में याद किया जाएगा। बेटियों के विकास के लिए सभी बधाएँ दूर हो गई हैं। बेटियाँ पढ़ें और आगे बढ़ें, वे ऊँचे आसमान तक जाकर लम्बी उड़ान भरें। ये बेटियाँ अपने साथ प्रदेश और देश के भविष्य को बनाने का कार्य भी करेंगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बेटियों को शैक्षणिक और आर्थिक सशक्तिकरण मिले, इसके लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। शिक्षकों की भर्ती में 50 प्रतिशत, पुलिस की भर्ती 30 प्रतिशत और पंचायतों सहित स्थानीय निकायों में आरक्षण के प्रावधान से बेटी और बहनों को आगे बढ़ने का अवसर मिला है। मध्यप्रदेश सरकार यह प्रयास निरंतर जारी रखेगी।
सार्थक जीवन का किया आहवान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लाड़ली लक्ष्मियों से आहवान किया कि वे अपने लिए ही जीवन न जिएँ बल्कि देश और समाज के लिए भी जिएँ। इसी में जीवन की सार्थकता है। लाड़ली लक्ष्मियाँ ग्रामों में नारी जागरण और नशा मुक्ति अभियान के लिए कार्य करें। इसके अलावा बेटियों को आगे चल कर बड़े-बड़े कार्य करना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कामना की कि ये बेटियाँ प्रदेश भी चलाएंगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वामी विवेकानंद के उस कथन का स्मरण दिलाया, जिसमें उन्होंने कहा था, दुनिया में ऐसा कोई कार्य नहीं है, जो नहीं किया जा सकता। आप उठें, जागृत हों और तब तक कार्य करें, जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार बेटियों के साथ है, उन्हें शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में कार्य के लिए पूरा प्रोत्साहन दिया जाएगा। मुख्यमत्री श्री चौहान ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी बेटियाँ, स्वयं को कमजोर न समझें। बेटियों में ऐसी क्षमता है कि वे समाज को दिशा देने का कार्य करेंगी। बेटियाँ नया इतिहास रचेंगी। वे अपने जीवन के साथ ही मध्यप्रदेश और देश का भविष्य और भाग्य को सुनहरा बनायेंगी। मुख्यमंत्री ने सभी लाड़ली लक्ष्मी बेटियों को आशीर्वाद के साथ शुभकामनाएँ दी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने योजना प्रारंभ होने की पृष्ठभूमि बताई
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रारंभ होने की पृष्ठभूमि की जानकारी देते हुए बताया कि वे जब सार्वजनिक जीवन में आए तो ग्राम स्तर पर होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में जाते थे। समाज में बेटियों के प्रति तिरस्कार का भाव देखने को मिलता था। भारतीय समाज में अनेक इलाकों में बेटियों की उपेक्षा देखने को मिलती है। बेटियों को अभिशाप मान लिया गया था। ग्रामों में यह माना जाता था कि शिक्षा का अधिकार सिर्फ बेटों को ही है, बेटियों को नहीं। बेटियाँ तो सिर्फ घर के कामकाज की जिम्मेदारी लेने के लिए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि अक्सर पति-पत्नी के आपसी झगड़ों में पति द्वारा अत्याचार को भी खुद स्त्रियाँ ही जायज मानती थी। यह देख कर आत्मा को कष्ट होता था। बेटे को कुल दीपक और बुढ़ापे की लाठी भी माना जाता था। लेकिन बहुत से मामलों में बेटों की बेरूखी और बेटियों की आत्मीयता, माता-पिता के लिए दिखाई देती थी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सामाजिक प्रवृत्ति के कारण बेटियों की संख्या में कमी भी आई थी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि वे अपने भाषणों में अक्सर “बेटी है तो कल है” जैसे नारे भी लगाते थे। एक बूढ़ी अम्मा ने यह नारा सुन कर उन्हें टोका भी था कि क्या बेटियों की विवाह की जिम्मेदारी आप लेंगे। यह प्रश्न उद्वेलित करने वाला था। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि जब वे वर्ष 1990 में विधायक बने तो सबसे पहले बेटियों के विवाह के लिए सहायता देने का कार्य प्रारंभ किया। वर्ष 1991 में सांसद बनने के बाद उन्होंने भत्ते की राशि से अभावग्रस्त परिवारों की बेटियों के लिए आर्थिक सहायता की शुरुआत की। वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद लखपति बेटी पैदा हो, इस विचार से लाड़ली लक्ष्मी योजना तैयार करवाई। वर्ष 2007 से प्रारंभ की गई यह योजना इतनी लोकप्रिय हुई कि आज 43 लाख से अधिक लाड़ली लक्ष्मियाँ प्रदेश में हैं, जो आज इस कार्यक्रम से परिवार के सदस्यों के साथ जुड़ी हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि लाड़ली लक्ष्मी योजना को शिक्षा से जोड़ा गया। विभिन्न कक्षाओं में उत्तीर्ण होने पर बेटी के लिए प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने की व्यवस्था की गई। लाड़ली लक्ष्मियों को महाविद्यालय में प्रवेश के लिए सहायता देने के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 प्रारंभ की गई है। अब महाविद्यालय की फीस की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी।
अपर मुख्य सचिव, महिला-बाल विकास श्री अशोक शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लाड़ली लक्ष्मी योजना से मध्यप्रदेश में सामाजिक क्रांति का सूत्रपात किया है। कक्षा 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद महाविद्यालय जाने पर बेटी को 25 हजार रूपये की आर्थिक सहायता उन्हें शिक्षित कर केरियर का चयन करने में मददगार होगी। समारोह का प्रारंभ मध्यप्रदेश गान और लाड़ली लक्ष्मी गान के साथ हुआ। सभी जिलों में मंत्रीगण, सांसद, विधायक, लाड़ली लक्ष्मी और उनके परिवार के सदस्य, ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों के पदाधिकारी भी समारोह से वर्चुअल जुड़े।
दो बेटियों ने सुनाए अपने अनुभव
कु. भूमि राय, तामिया, जिला छिंदवाड़ा ने कहा कि उन्हें शिक्षा ग्रहण करने में लाड़ली लक्ष्मी योजना से प्रत्यक्ष सहायता मिली है। इसका श्रेय मुख्यमंत्री श्री चौहान को जाता है। बायोलॉजी में 85 प्रतिशत अंक मिले हैं। वे प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहती हैं। छात्रवृत्ति मिलने से शिक्षा आसान हुई। बाघा बार्डर के शैक्षणिक भ्रमण से उन्हें पाठ्यक्रम की शिक्षा के साथ ही राष्ट्र और समाज के संबंध में काफी जानने को मिला। कु. भूमि ने कहा कि वे कड़े परिश्रम से शिक्षा ग्रहण कर मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा प्रारंभ इस योजना को सफल बनाते हुए सभी की अपेक्षाओं को पूर्ण करने का प्रयास करेंगी। सीधी जिले की छात्रा कु. अर्पिता सिंह ने कहा कि उनके माता-पिता उसकी पढ़ाई और विवाह की चिंता करते थे। उसे कक्षा 10वीं में 90 प्रतिशत और कक्षा 11वीं में 91 प्रतिशत अंक मिले हैं। वह डाक्टर बनना चाहती हैं।
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