सिविल जज सीनियर डिवीजन कुमुदलता त्रिपाठी की अदालत में ज्ञानवापी में गैर हिंदुओं के प्रवेश वर्जित करने और दृश्य व अदृश्य देवताओं की पूजा की मांग के लिए दाखिल वाद की प्रति सभी पक्षों को उपलब्ध करा दी गई। झारखंड निवासी पर्यावरण विद प्रभुनारायन की तरफ से दाखिल वाद की प्रति यूपी सरकार, जिलाधिकारी वाराणसी, पुलिस आयुक्त वाराणसी और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी को दी गई है।
इस मामले में शुक्रवार को अगली तारीख की जानकारी न्यायालय की ओर से दी जाएगी। इस वाद की पत्रावली विचारण के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में स्थानांतरित कर दी गई। इसके पहले सिविल जज की अदालत ने सीपीसी 80 के तहत दो महीने की मियाद अवधि का लाभ वादी को देते हुए नोटिस देने से छूट प्रदान की थी।
यह वाद पर्यावरणविद की तरफ से अधिवक्ता मानबहादुर सिंह और अनुपम द्विवेदी ने दाखिल किया था और मांग की है कि ज्ञानवापी में दृश्य व अदृश्य देवताओं के राग भोग, दर्शन पूजन के साथ गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित करने और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्स्थापित किया जाए। वाद में आस्था के साथ वैज्ञानिक पद्धति के आधार पर अनुतोष दिए जाने का अनुरोध किया गया है।
सिविल जज सीनियर डिवीजन कुमुदलता त्रिपाठी की अदालत में ज्ञानवापी में गैर हिंदुओं के प्रवेश वर्जित करने और दृश्य व अदृश्य देवताओं की पूजा की मांग के लिए दाखिल वाद की प्रति सभी पक्षों को उपलब्ध करा दी गई। झारखंड निवासी पर्यावरण विद प्रभुनारायन की तरफ से दाखिल वाद की प्रति यूपी सरकार, जिलाधिकारी वाराणसी, पुलिस आयुक्त वाराणसी और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी को दी गई है।
इस मामले में शुक्रवार को अगली तारीख की जानकारी न्यायालय की ओर से दी जाएगी। इस वाद की पत्रावली विचारण के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में स्थानांतरित कर दी गई। इसके पहले सिविल जज की अदालत ने सीपीसी 80 के तहत दो महीने की मियाद अवधि का लाभ वादी को देते हुए नोटिस देने से छूट प्रदान की थी।
यह वाद पर्यावरणविद की तरफ से अधिवक्ता मानबहादुर सिंह और अनुपम द्विवेदी ने दाखिल किया था और मांग की है कि ज्ञानवापी में दृश्य व अदृश्य देवताओं के राग भोग, दर्शन पूजन के साथ गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित करने और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्स्थापित किया जाए। वाद में आस्था के साथ वैज्ञानिक पद्धति के आधार पर अनुतोष दिए जाने का अनुरोध किया गया है।
ज्ञानवापी मस्जिद गिराकर हिंदुओं को सौंपने, मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक संबंधी वाद पर 15 अक्तूबर को सुनवाई हुई थी। आदेश के लिए आज की तिथि नियत की गई है।
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