आईआईटी खड़गपुर से बीटेक अतुल कुमार सिंह ने पत्नी के कहने पर प्राइवेट नौकरी छोड़कर पीसीएस परीक्षा की तैयारी शुरू की और तीसरे प्रयास में ही शिखर पर पहुंच गए। पीसीएस-2021 के टॉपर रहे अतुल का पीसीएस-2019 में खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) और सहायक वन संरक्षक (एसीएफ)/ क्षेत्रीय वन अधिकारी (आरएफओ)-2019 में एसीएफ के पद पर चयन हुआ था। वर्तमान में वह कोयंबटूर में एसीएफ के पद पर ट्रेनिंग कर रहे हैं।
अतुल सात साल पहले तक गुरुग्राम स्थित एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी के साथ संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी भी कर रहे थे। अतुल वर्ष 2017 में भारतीय वन सेवा के इंटरव्यू में शामिल हुए थे, लेकिन दो नंबर कम होने के कारण चयन से वंचित रह गए थे। उनके दो बेटे हैं, जिनकी उम्र पांच और साढ़े तीन साल है। पत्नी पिंकी सिंह को भरोसा था कि अतुल को एक दिन कामयाबी जरूर मिलेगी।
पत्नी से कहने पर वर्ष 2017 उन्होंने प्राइवेट नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से तैयारी में जुट गए। पत्नी के साथ पिता ओम प्रकाश सिंह भी अतुल के साथ खड़े रहे, जो विकास भवन प्रयागराज से सहायक अर्थ एवं संख्याधिकारी के पद से रिटायर हो चुके हैं। अतुल की मां सावित्री देवी अब इस दुनिया में नहीं हैं। 35 वर्ष के हो चुके अतुल ने सोच रखा था कि इसके बाद परीक्षा नहीं देंगे। इस बार पूरा जोर लगा दिया और डिप्टी कलक्टर का पद हासिल किया।
मूलत: प्रतापगढ़ के रहने वाले अतुल की शुरुआती शिक्षा प्रयागराज में हुई। यहां चांदपुर सलोरी में उनका आवास है, जहां परिवार के साथ रहते हैं। अतुल ने वर्ष 2002 में जीआईसी, प्रयागराज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। वर्ष 2005 में उनका चयन आईआईटी खड़गपुर में हो गया और वर्ष 2009 में उन्होंने वहां से बीटेक किया।
घड़ी देखकर न पढ़ें, सिलेबस पूरा करें
पीसीएस-2021 के टॉपर अतुल कुमार सिंह का मानना है कि घड़ी देखकर पढ़ने और सिलेबस से बाहर जाने की जरूरत नहीं है। प्रत्येक अभ्यर्थी की क्षमता अलग-अलग होती है और यह उसकी क्षमता पर ही निर्भर करता है कि सिलेबस कितने दिनों में पूरा कर लेता है। परीक्षा की तैयारी से लेकर टॉपर बनने तक अतुल ने जो सफर पूरा किया, इससे जुड़ा अनुभव उन्होंने से साझा किया। अगली स्लाइड में प्रस्तुत हैं उनसे बातचीत के कुछ अंश-
सवाल- रोज कितनी देर पढ़ते थे?
जवाब- घड़ी देखकर कभी पढ़ाई नहीं की। कभी तीन से चार तो कभी सात से आठ घंटे तक पढ़ लेता था। लक्ष्य एक था कि सिलेबस समय से पूरा हो।
सवाल- मुख्य परीक्षा में विषय क्या था?
जवाब- पीसीएस में वैकल्पिक विषय गणित लिया था। यह विषय अभ्यास मांगता है। यूपीएससी की तैयारी पहले से ही कर रहा था, सो पीसीएस की तैयारी के लिए कुछ अतिरिक्त करने की जरूरत नहीं पड़ी।
सवाल- आपका माध्यम क्या था?
जवाब- पीसीएस में मैंने अंग्रेजी माध्यम चुना। वैसे माध्यम बहुत महत्व नहीं रखता है। महत्वपूर्ण तो यह है कि आप क्या और कितना पढ़ते हैं।
सवाल- ऑनलाइन पढ़ाई कितनी फायदेमंद?
जवाब- पढ़ाई ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, महत्वपूर्ण यह है कि आप जहां से कंटेंट ले रहे हैं, उसका सोर्स कितना विश्वसनीय है।
सवाल- परीक्षा की तैयारी के अलावा और क्या करते हैं?
जवाब- मेरा मानना है कि मनोरंजन के लिए समय जरूर निकालें। मेरे दो बच्चे हैं और खाली समय उन्हीं के साथ बीत जाता है। इसके अलावा थोड़ी देर के लिए वेब सिरीज देख लेता हूं। क्रिकेट देखना काफी पसंद है।
सवाल- इंटरव्यू कैसा रहा?
जवाब- जैसा चाहता था, इंटरव्यू वैसा ही हुआ। इंटरव्यू में पूछे गए सवाल ओपिनियन बेस्ड और एनालिटिकल थे। मुझे ऐसे सवाल पसंद हैं।
सवाल- कोचिंग को कितना महत्वपूर्ण मानते हैं?
जवाब- शुरुआती दौर में दिल्ली में कुछ दिनों के लिए कोचिंग की थी, लेकिन पिछले तीन-चार वर्षों से कोई कोचिंग नहीं की। एक बार पैटर्न समझने के बाद तैयारी खुद की जा सकती है।
सवाल: अन्य प्रतियोगी छात्रों के लिए क्या कहना चाहेंगे?
जवाब- आंसर राइटिंग पर पूरा ध्यान दें और कंटेंट को सीमित रखें। सिलेबस से बाहर न जाएं। न्यूज पेपर भी पढ़ते रहें। सबसे जरूरी है कि अभ्यास करते रहें और प्रारंभिक परीक्षा पर पूरा फोकस करें।
आईआईटी खड़गपुर से बीटेक अतुल कुमार सिंह ने पत्नी के कहने पर प्राइवेट नौकरी छोड़कर पीसीएस परीक्षा की तैयारी शुरू की और तीसरे प्रयास में ही शिखर पर पहुंच गए। पीसीएस-2021 के टॉपर रहे अतुल का पीसीएस-2019 में खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) और सहायक वन संरक्षक (एसीएफ)/ क्षेत्रीय वन अधिकारी (आरएफओ)-2019 में एसीएफ के पद पर चयन हुआ था। वर्तमान में वह कोयंबटूर में एसीएफ के पद पर ट्रेनिंग कर रहे हैं।
अतुल सात साल पहले तक गुरुग्राम स्थित एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी के साथ संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी भी कर रहे थे। अतुल वर्ष 2017 में भारतीय वन सेवा के इंटरव्यू में शामिल हुए थे, लेकिन दो नंबर कम होने के कारण चयन से वंचित रह गए थे। उनके दो बेटे हैं, जिनकी उम्र पांच और साढ़े तीन साल है। पत्नी पिंकी सिंह को भरोसा था कि अतुल को एक दिन कामयाबी जरूर मिलेगी।
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