राज्यपाल आनंदी बेन पटेल
– फोटो : amar ujala
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बेटियों के घर में किए व्यवहार और घर से बाहर निकलने के बाद होने वाले व्यवहार के बीच बड़ा अंतर है। इसके लिए बेटियों को घर और बाहर के व्यवहार का अंतर समझना होगा। आज बेटियां शिक्षा में काफी आगे बढ़ रही है, लेकिन शिक्षित होने के साथ उन्हें सबल भी बनना होगा, तभी वो किसी भी हालात का मजबूती से सामना कर सकेंगी। ये बातें शुक्रवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने काशी विद्यापीठ में आत्मरक्षा प्रशिक्षण अभियान आईकिडो के शुभारंभ पर कहीं।
काशी विद्यापीठ, आरंभ स्पोर्ट्स एंड फिटनेस एकेडमी के कार्यक्रम का राज्यपाल ने वर्चुअली उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब बेटियां घर से बाहर निकलती हैं तो उनके सामने विभिन्न प्रकार के लोग होते हैं, इस समय सबसे ज्यादा सतर्कता जरूरी होती है। उन्होंने विदेशों में फंसी बेटियों को वहां से सुरक्षित अपने देश वापस लाने के लिए विशेषज्ञों से सुझाव मांगे।
कुलपति प्रो. आनंद त्यागी ने कहा कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण द्वारा हम छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयत्नशील हैं। शिविर में छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर तो सिखाए ही जाएंगे साथ ही उन्हें विविध जागरूकता भी दी जाएगी। इस दौरान प्रशिक्षक डीबी राय, कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडेय, अखिलेश रावत, डॉ. बंशीधर पांडेय, डॉ. दुर्गेश कुमार उपाध्याय आदि मौजूद रहे।
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बेटियों के घर में किए व्यवहार और घर से बाहर निकलने के बाद होने वाले व्यवहार के बीच बड़ा अंतर है। इसके लिए बेटियों को घर और बाहर के व्यवहार का अंतर समझना होगा। आज बेटियां शिक्षा में काफी आगे बढ़ रही है, लेकिन शिक्षित होने के साथ उन्हें सबल भी बनना होगा, तभी वो किसी भी हालात का मजबूती से सामना कर सकेंगी। ये बातें शुक्रवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने काशी विद्यापीठ में आत्मरक्षा प्रशिक्षण अभियान आईकिडो के शुभारंभ पर कहीं।
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