बहराइच: बैराज के उस पार प्रशासन लोगों को खिचड़ी खिला रहा है और पल्ली बाट रहा है। इस पार देखने भी नहीं आ रहा है। प्रशासन हमारे गांव नहीं जा सकता और हम गरीब मजदूर हैं, इसलिए अपने खाने कि व्यवस्था के लिए हम लोगों को दौड़ना पड़ रहा है। हमारे घर जाने के पूरे रास्ते में पानी भरा है, हमारे बीवी, बच्चे छप्पर पर बैठे है। ऐसे में अगर हम रास्ते में गिर गए और मर गए, तो हमारे बीवी बच्चों को कौन खिलाएगा। यह शब्द मिहीपुरवा तहसील के पड़रिया निवासी बाढ़ पीड़ित नीबू लाल के है।
नीबू लाल की तरह मिहीपुरवा, नानपारा और महसी तहसील के लगभग 60 गांवों में लोंगों के घरों में पानी घुस गया है। इससे घर में रखी मिट्टी की डहरिया (जिसमे अनाज रखा जाता है) फूट गई हैं और अनाज बर्बाद हो गया है। लोगों को खाने की भी किल्लत है। जानवरों के हालात तो उससे भी ज्यादा खराब हैं, क्योंकि जब सब तरफ पानी ही पानी है तो घांस कहां से मिले।
नेपाल से भारत के इलाकों में पहुंचा पानीमिहीपुरवा तहसील के तमाम गांव भारत-नेपाल सीमा से जुड़े हुए है, इसलिए नेपाल की कर्णाली नदी से होता हुआ पानी पहले भारतीय क्षेत्र की गेरूआ नदी में आता है। फिर गेरूआ से सरयू और घाघरा में आकर बाहर की ओर फैल जाता है। इस बार सबसे पहले पानी लौकही, बलई गांव, बोटन पुरवा, कुड़वा, सलार पुर, दर्जिन मूंजा, पिपरागौढ़ी, प्रसन्निपुरवा, मोतीपुरवा, बुध्धू पुरवा आदि गांव आया। पानी लगभग चार दिन से भरा हुआ है, खाने की किल्लत के साथ शौच की बहुत बड़ी दिक्कत है। अभी भी बहुत गांवों में शौचालय नहीं बने है और कुछ जगह पर बने भी हैं तो वह पानी में ढूब गए हैं।
मकान गिरे, बाढ़ में जीना हुआ दुश्वारइस बार लोगों को दो तरह कि परेशानी झेलनी पड़ रही है। एक तो नेपाल के पहाड़ों पर होने वाली वर्षा के कारण उन्हें बाढ़ झेलनी पड़ी। दूसरी ओर चार दिन से रुक-रूक कर होने वाली बारिश ने भी ग्रामीणों का जीवन नरक बना दिया है। गोपिया बैराज पर बाढ़ पीड़ितों के लिए एक पुराना आशियाना बना हुआ है। ऊपर से हो रही बारिश और जमीन में पानी भरे होने के कारण मिट्टी के बने मकान भरभरा कर गिर रहे हैं। अभी तक मिली सूचना के अनुसार नववन पुरवा में छेददू, मंझरा में राम आशीष और फूल मती के मकान गिर गए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि मिहीपुरवा, खैरीघाट और महसी इलाके से एक-एक आदमी बाढ़ में बह गया।प्रशासन मदद के लिए जुटामिहीपुरवा-नानपारा मार्ग पर रायबोझा के पास मुख्य सड़क पर एक पुलिया के धस जाने से सहायता का कार्य भी बाधित हो रहा है। स्वयं जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने स्वीकारा है कि पुलिया टूट जाने से सहायता ले जाने के लिए दूसरे रास्तो को खोजना पड़ा है। जिला अधिकारी ने यह भी बताया कि NDRF और SSB की टीम बुला ली गई है। जिलाधिकारी दिनेश चंद्र, पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी और नानपारा विधायक राम मिलन वर्मा NDRF की बोट से बाढ़ क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने के लिए निकले हुए थे।
रिपोर्ट – अजीम मिर्जा
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