मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में डेंगू का कहर देखने को मिल रहा है। डेंगू के कहर से जिले में एक सेवानिवृत्त दारोगा की मौत हो गई। जिले में अब तक 66 मरीज डेंगू के सामने आ चुके है। जनपद के परमापुर, टेढवा बस्ती के साथ कजरहवा पोखरा में डेंगू फैल गया है। डेंगू फैलने से मोहल्ले में कई लोग बीमार हो गए है। डेंगू के दहशत में स्थानीय नागरिक जीने को मजबूर है। अस्पताल में इलाज के लिए बेड नहीं मिल रहा है, जहां अधिकांश लोग प्राइवेट अस्पताल में अपना इलाज करा रहे है। जिले में डेंगू फैलने के बाद स्वास्थ्य विभाग और नगर पालिका के कार्यों की कलई खुल गई। वहीं डेंगू का इलाज कराने के लिए कई ग्रामीणों को कर्ज तक लेना पड़ रहा है।
जिले के कजरहवा के पोखरा बस्ती में डेंगू की वजह से सेवानिवृत्त दारोगा विश्राम सोनकर की मौत हो गई। मृतक का छोटा बेटा भी बीमार है। बस्ती में अभी 50 से अधिक लोग तेज बुखार से ग्रसित है, जहां डेंगू फैलने की खबर सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग एक्टिव मोड़ में काम कर रहा है। जिले के टेढ़वा में हालात और भी खराब है, जहां पर सौ से अधिक लोग तेज बुखार और डेंगू से पीड़ित है।
मंडलीय अस्पताल में डेंगू वार्ड फूलजिले के मंडलीय अस्पताल में डेंगू वार्ड बनाया गया है, जहां डेंगू वार्ड से लेकर जनरल वार्ड मरीजों से फूल हो गए है। कोरोना के बाद डेंगू फैलने पर स्वास्थ्य विभाग के इंतजाम की पोल खुल गई। अस्पताल में पहुंचने वाले मरीज इलाज नसीब नहीं हो रहा है। आंकड़ों के मुताबिक जिले में अब तक डेंगू के 66 मामले सामने आए है। यह आंकड़े सरकारी है। प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती मरीजों का कोई आंकड़ा सामने नहीं आया है। जिस बस्ती में डेंगू फैला है, वहां साफ सफाई का आभाव है। मृतक सेवानिवृत्त दारोगा के बेटे कुंदन सोनकर ने बताया कि पिताजी का तबियत बिगड़ने पर डेंगू का जांच कराया गया, जहां डेंगू पॉजिटिव आया। पिता की इलाज के दौरान मौत हो गई। कुंदन ने बताया कि वह भी आईसीयू में भर्ती था। छोटे भाई की भी तबियत खराब है। मोहल्ले में अधिकांश लोग बुखार और डेंगू से पीड़ित है।सीएमओ ने कहा, रोकथाम को लेकर किए जा रहे उपायसीएमओ राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि अभी तक काफी मरीज पाए गए है। ज्यादातर मरीज ठीक हो गए है। पंचमुखी महादेव मंदिर और टेढ़वा में डेंगू फैलने का मामला सामने आने के बाद फॉगिग को लेकर आदेश दिए गए है। इस समय डेंगू का प्रकोप रहता है। आप सभी मच्छरदानी का प्रयोग करें। अन्य बचाव के उपाय का पालन करें। बच्चों पर खासा ध्यान देने की जरूरत है। अब तक 66 मरीज पाए गए है। टेढ़वा में एक संयुक्त परिवार में 40 लोग बीमार है, मोहल्ले में बीमार होने वालों की संख्या अधिक है। फॉगिंग टीम लग गई है, जल्द ही जांच दवा सहित अन्य चीजें मुहैया कराई जाएगी।कर्ज लेकर दवा कराने को मजबूर है लोगडेंगू और तेज बुखार की वजह से हालात खराब है। जिले के रमईपट्टी निवासी शकुंतला ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे और पति के इलाज के लिए एक लाख 80 हजार रुपये लगा चुके है, अभी भी उनकी हालत ठीक नहीं है। बेटी घर में बीमार है। हम लोग कर्ज लेकर दवा करा रहे है। शिवकुमारी ने बताया कि पहले बहु की तबियत खराब हुई, जिसे सरकारी अस्पताल लेकर गए। अस्पताल में कोई सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद प्राइवेट में लेकर गए। हम लोग ठेला से 150 से 200 कमाते है, इतना महंगा इलाज कहा से कराए। 10 रुपया सैकड़े पर ब्याज का पैसा लेकर इलाज करा रहे है। बेटा और बहु दोनों बीमार थे। हम लोग दाने-दाने को मोहताज है।
इनपुट – मुकेश पांडेय
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