उपभोक्ता से विद्युत बिल देने के लिये पैसा मांगने के आरोप में लाइनमैन को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेन्स नीति को कड़ाई से लागू किया गया है। कारपोरेशन प्रबन्धन मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री के निर्देशों के अनुरूप उपभोक्ता सेवाओं में पारदर्शिता, सुगमता एवं ईमानदारी स्थापित करने के लिये प्रतिबद्ध हैं। इसी प्रयास में जहॉ कहीं से भी उपभोक्ता को उत्पीड़ित या परेशान करने की शिकायत आती है वहॉ कठोर कार्यवाही की जाती है।
अभी ताजा उदाहरण आशियाना क्षेत्र का है जहॉ उपभोक्ता द्वारा कारपोरेशन अध्यक्ष एम0 देवराज को दूरभाष पर बताया गया कि पिछले कई महीनों से मीटर रीडर उनसे बिल देने के बदले सुविधा शुल्क के नाम पर रूपया मांग रहा है। उसकी मांग न पूरी करने के कारण कई महीने से बिल नहीं दे रहा है।
अध्यक्ष ने इस मामले की छानबीन करायी तो उपभोक्ता के आरोप प्रथम दृष्ट्या सही पाये गये। सम्बन्धित अधिशासी अभियन्ता द्वारा उपभोक्ता रेल बिहार निवासी आर0पी0 सक्सेना को 05 अक्टूबर को ही बिल निर्गत करवा दिया गया तथा मीटर रीडर (संविदाकर्मी) रामगोपाल के विरूद्ध कार्यवाई करते हुये कार्यदायी संस्था से तत्काल सेवा से हटा दिया गया। संविदाकर्मी के कार्यो की जॉच की जा रही है। यह सुनिश्चित किया जायेगा कि वे दुबारा किसी कम्पनी में कार्य न करें। साथ ही एफ0आई0आर कराने हेतु कानूनी पहलुओं पर विचार चल रहा है।
अध्यक्ष का कहना है कि उपभोक्ता देवो भवः के भाव को लेकर विद्युत कर्मियों को कार्य करना चाहिए। किसी भी स्तर पर उपभोक्ता पर अनुचित दबाव या भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर सख्त कानूनी कार्यवाई सुनिश्चित की जायेगी।
अध्यक्ष ने बिलिंग कार्य कर रही एजेन्सी को भी चेतावनी दी है कि अपने यहॉ कार्य कर रहे संविदा कर्मियों के कार्यों पर नजर रखें। जिससे उपभोक्ताओं को समय पर सही रीडिंग का बिल मिले।
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