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प्रो.राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय की तृतीय वर्ष की स्नातक की परीक्षा में 9607 परीक्षार्थी सामूहिक नकल में दोषी पाए गए हैं। यूएफएम कमेटी की रिपोर्ट पर विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति ने दोषी पाए गए छात्रों की परीक्षा निरस्त कर दी है। वहीं, 242 छात्र नकल के आरोप से बरी किए गए हैं। राज्य विवि की सत्र 2021-22 की स्नातक तृतीय वर्ष की परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन के दौरान 9849 परीक्षार्थी सामूहिक नकल में चिह्नित किए गए थे। विवि प्रशासन ने इन्हें एक साल के लिए डिबार करने का निर्णय लिया था। बाद में विवि प्रशासन ने इन परीक्षार्थियों को अंतिम अवसर प्रदान करते हुए प्रत्यावेदन मांगे थे, जिसके परीक्षण की जिम्मेदारी यूएफएम कमेटी को दी गई थी।
आठ हजार से अधिक परीक्षार्थियों ने खुद को निर्दोष बताते हुए यूएफएम कमेटी के समक्ष अपने प्रत्यावेदन प्रस्तुत किए थे, जिनकी जांच के बाद कमेटी ने 9607 परीक्षार्थियों को सामूहिक नकल में दोषी पाया और 242 परीक्षार्थियों को नकल के आरोप से बरी कर दिया। कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि बुधवार को हुई परीक्षा समिति की बैठक में यूएफएम कमेटी की संस्तुति पर 9607 परीक्षार्थियों की परीक्षा निरस्त कर दी गई है।
इन विद्यार्थियों को अब सत्र 2022-23 की स्नातक तृतीय वर्ष की परीक्षा में फिर से शामिल होना पड़ेगा। सीसीटीवी कैमरों, राज्य विवि में स्थापित कंट्रोल रूम एवं उड़ाका दलों की रिपोर्ट के आधार पर इन परीक्षार्थियों को सामूहिक नकल के मामले में चिह्नित किया गया था। इनकी कॉपियों का मूल्यांकन अलग से कराया गया था। सीसीटीवी में देखा गया था कि यह परीक्षार्थी एक साथ सिर उठाकर ब्लैक बोर्ड की तरफ देख रहे थे और इसके बाद एक साथ सिर झुकाकर लिख रहे थे।
बीए, बीकॉम द्वितीय वर्ष का रिजल्ट जारी
राज्य विवि ने बीए, बीकॉम द्वितीय वर्ष की परीक्षा का परिणाम जारी किया है। बीएसएसी का रिजल्ट दो से तीन दिनों में जारी होने की संभावना है। स्नातक प्रथम वर्ष बीए, बीएससी, बीकॉम का रिजल्ट भी माह के अंत तक जारी किए जाने की तैयारी है। इन परीक्षाओं की कॉपियों के मूल्यांकन में भी सीसीटीवी कैमरों और उड़ाका दलों की रिपोर्ट के आधार पर चिह्नित कॉलेजों की कॉपियों का मूल्यांकन अलग से कराया गया है। सूत्रों के अनुसार तीनों वर्ष की परीक्षाओं का परिणाम जारी होने के बाद सामूहिक नकल के आरोपी परीक्षार्थियों की संख्या बढ़कर 20 हजार तक पहुंच सकती है।
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प्रो.राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय की तृतीय वर्ष की स्नातक की परीक्षा में 9607 परीक्षार्थी सामूहिक नकल में दोषी पाए गए हैं। यूएफएम कमेटी की रिपोर्ट पर विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति ने दोषी पाए गए छात्रों की परीक्षा निरस्त कर दी है। वहीं, 242 छात्र नकल के आरोप से बरी किए गए हैं। राज्य विवि की सत्र 2021-22 की स्नातक तृतीय वर्ष की परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन के दौरान 9849 परीक्षार्थी सामूहिक नकल में चिह्नित किए गए थे। विवि प्रशासन ने इन्हें एक साल के लिए डिबार करने का निर्णय लिया था। बाद में विवि प्रशासन ने इन परीक्षार्थियों को अंतिम अवसर प्रदान करते हुए प्रत्यावेदन मांगे थे, जिसके परीक्षण की जिम्मेदारी यूएफएम कमेटी को दी गई थी।
आठ हजार से अधिक परीक्षार्थियों ने खुद को निर्दोष बताते हुए यूएफएम कमेटी के समक्ष अपने प्रत्यावेदन प्रस्तुत किए थे, जिनकी जांच के बाद कमेटी ने 9607 परीक्षार्थियों को सामूहिक नकल में दोषी पाया और 242 परीक्षार्थियों को नकल के आरोप से बरी कर दिया। कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि बुधवार को हुई परीक्षा समिति की बैठक में यूएफएम कमेटी की संस्तुति पर 9607 परीक्षार्थियों की परीक्षा निरस्त कर दी गई है।
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