प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री अनिल राजभर ने कहा कि प्रदेश के सर्वाधिक बाल श्रम से प्रभावित जिलों के हॉट-स्पॉट को चिन्हित करते हुए चरणबद्ध रूप से विभिन्न प्रक्रियाओं को पूर्ण करते हुए बाल श्रम मुक्त घोषित किये जाने की कार्यवाही की जाय। बन्धुआ श्रमिकों के चिन्हांकन एवं पुनर्वासन हेतु ऑन-लाइन ट्रैकिंग प्रणाली को अपनाकर बंधुआ श्रमिकों के प्रकरणों का नियमित रूप से अनुश्रवण करते हुए उनका शीघ्र निस्तारण किया जाय। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह अपने-अपने जनपदांे में निरीक्षण की कार्यवाही करते रहें, ताकि जरूरतमंदों को सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ ससमय मिल सके।
श्रम मंत्री आज नवीन भवन स्थित तिलक हॉल में श्रमायुक्त संगठन एवं उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इस मौके उन्होंने कहा कि पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बालक एवं बालिकाओं व अनाथ बच्चों को गुणवत्तापूर्ण व उद्देश्यपरक शिक्षा दिलाए जाने हेतु अटल आवासीय विद्यालयों को पूरा करने का कार्य शीघ्रता से किए जाने के साथ ही साथ भवन निर्माण की गुणवत्ता का भी पूरा ध्यान रखा जाय। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को आश्वासन दिया कि विभागीय योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों को देने में आ रही समस्याओं का शीघ्र निस्तारण कराये जाने के हर सम्भव प्रयास किये जायेंगे।
बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री सुरेश चन्द्रा ने विभागीय कार्यों की प्रगति के विषय में विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि उ०प्र० दुकान एवं वाणिज्य अधिष्ठान नियमावली 1963 में संशोधन करते हुए बिना कर्मचारी वाले प्रतिष्ठानों/दुकानों को पंजीयन मुक्त कर दिया गया है तथा कर्मचारी नियोजित करने वाले दुकान एवं वाणिज्यक प्रतिष्ठान को एक बार पंजीकरण के साथ 15 वर्ष का शुल्क अदा करने पर नवीनीकरण से भी मुक्त कर दिया गया है।
श्री चन्द्रा ने बताया कि चीनी तथा आसवनी उद्योग में श्रमिकों का वेतन पुनरीक्षण व संशोधित महंगाई दर प्रति यूनिट में बढ़ोत्तरी करते हुए आसवनी के सम्बन्ध में शासन की अधिसूचना जारी कर दी गयी है। वेतन पुनरीक्षण के उपरान्त चीनी मिलों के श्रमिकों को लगभग रू० 78,000 (रू० अठत्तर हजार ) ऐरियर के रूप में मिलेगा तथा प्रतिमाह लगभग विभिन्न श्रेणियों के श्रमिकों को लगभग रू 2000/- तक की वेतन वृद्धि होगी, जबकि आसवनी उद्योग में कार्यरत श्रमिकों को धनराशि रू0 69000/- तथा विभिन्न श्रेणी के श्रमिकों को प्रतिमाह धनराशि रू0 1450/- (रू० चौदह सौ पचास) की वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा।
अपर मुख्य सचिव श्री सुरेश चन्द्रा ने बताया कि नवीन निरीक्षण प्रणाली के अन्तर्गत बनायी गयी व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से क्रियान्वित कराये जाने के सम्बन्ध में अन्तर्विभागीय समन्वय कर कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। इस सम्बन्ध में श्रम विभाग व कारखाना प्रभाग के अधिकारियों के साथ नियमित संयुक्त बैठक कराकर केन्द्रीय निरीक्षण प्रणाली को प्रभावी रूप से लागू करने में आ रही समस्याओं के सम्बन्ध में चर्चा कर समस्या के बिन्दु को चिन्हित कर कार्यवाही की जा रही है।
श्रम आयुक्त श्रीमती शकुंतला गौतम ने बताया कि श्रम विभाग की योजना के अन्तर्गत समस्त कार्यवाही ऑनलाइन की जा रही है। शासन द्वारा योजना के अन्तर्गत उपलब्ध कराया गया बजट सभी सम्बन्धित क्षेत्रों को उपलब्ध कराया जा चुका है। उन्होंने बताया कि बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 यथासंशोधित 2016 की नियमावली के सम्बन्ध में विभिन्न स्टेकहोल्डर्स व विभागीय अधिकारियों से चर्चा के उपरान्त संशोधित नियमावली तैयार कर शासन को उपलब्ध करा दी गयी है। बाल श्रमिक विद्या योजना के अन्तर्गत वर्तमान में प्रदेश के कुल 2000 लाभार्थियों के लक्ष्य के सापेक्ष वर्तमान में 1595 बच्चे योजना में आच्छादित कर लाभ दिया जा चुका है।
बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने अपने मण्डल व जिलों में श्रम विभाग द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी और कहा कि आज की बैठक मंे मंत्री जी द्वारा दिए गए निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।
इस अवसर पर श्रम विभाग के राज्यमंत्री श्री मनोहर लाल पंथ ‘मन्नू कोरी‘ विशेष सचिव, श्री प्रेम प्रकाश सिंह, बी0ओ0सी0 बोर्ड, सचिव, सुश्री शिखा, अपर श्रमायुक्त श्री सरजू राम के अलावा श्रम विभाग एवं उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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