सीतापुर: एक सुई बनाने से लेकर रॉकेट बनाने तक, आज देश-दुनिया में हर जगह कंप्यूटर की सबसे ज्यादा अहमियत है। कंप्यूटर की जानकारी अब शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। ऐसे में ग्रामीण इलाकों के बच्चों को इसकी शिक्षा पाने से अच्छुता नहीं छोड़ा जा सकता है। हर बच्चे को कम्प्यूटर के ज्ञान का सपना पूरा करने में ग्रामोत्थान संसाधन केंद्र लगा हुआ है। इसने एक अनोखी पहल शुरू की है। इस पहल में बच्चे कंप्यूटर तक नहीं बल्कि कंप्यूटर बच्चों तक नहीं खुद पहुंचते है। दरअसल ग्रामोत्थान संसाधन केंद्र ने एक बस चलाई है, जिसके हर सीट पर लैपटॉप लगाया गया है। इसके जरिए गांव के हर बच्चे को निश्शुल्क कम्प्यूटर सिखाया जा रहा है।
ग्रामोत्थान संसाधन केंद्र की संचालन समिति के अध्यक्ष सुधीर सिंह का कहना है कि यह मिनी बस गांव-गांव तक पहुंचती है। बस गांव में पहुंचकर हॉर्न बजाती है और बच्चे जमा हो जाते है। बस में हर सीट पर एक लैपटॉप लगाया गया है। हर लैपटॉप से दो बच्चों कंप्यूटर की शिक्षा हासिल करते है। यह बस एक दिन में कम से कम तीन गांव को कवर करती है। यहां बच्चे खुशी-खुशी निश्शुल्क कंप्यूटर सीखने के लिए आते है।
बच्चों को मिलता है प्रमाणपत्र
कंप्यूटर शिक्षक मनीष श्रीवास्तव का कहना है कि बच्चों को एक-दो दिन नहीं बल्कि तीन महीने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके बाद कोर्स पूरा होने पर बच्चों को कंप्यूटर एप्लीकेशन का बेसिक प्रमाणपत्र दिया जाता है। इसके बाद अगले गांवों का चयन किया जाता है। ग्रामोत्थान संसाधन केंद्र ने इस तरह अब तक 50 गांव में 1300 बच्चों को कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिया है। उनका कहना है कि गांव के स्कूलों में कंप्यूटर प्रशिक्षण का विकल्प नहीं है। ऐसे में ज्यादातर कक्षा आठ से दसवीं तक के बच्चों मिनी बस तक प्रशिक्षण लेने आते है। इस संस्था के कार्यों को प्रशासन स्तर पर भी तारीफ हो चुकी है।
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