करीब 300 करोड़ रुपये में बने अवैध ट्विन टावर को ढहाने में 20 करोड़ रुपये का खर्चा आया है। जिन लोगों ने इस टावर में फ्लैट बुक करवाए थे, उनमें से अधिकांश को अभी तक क्लेम नहीं मिल पाया है। सवाल उठ रहा है कि ट्विन टावर तो ढहा दिया गया लेकिन इसके लिए जो अफसर और कर्मचारी जिम्मेदार हैं, उन पर कार्रवाई कब होगी।
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