वाराणसी: देश विदेश में उत्तर प्रदेश की पहचान रहे आगरा के ताजमहल (Tajmahal) को देखने के लिए लाखों पर्यटक पहुंचते हैं, लेकिन इस बार वाराणसी में नए बने काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Temple) में जो संख्या इस बार दर्शन के लिए पहुंची है, वह आप को अचंभित कर देगी। आंकड़ें इस बात की गवाही दे रहे हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी के सांस्कृतिक पर्यटन के सपने को को पूरा करने के लिए लोग बड़ी संख्या में उमड़ रहे हैं।
सावन के महीने में नव निर्मित काशी विश्वनाथ धाम में रोजाना करीब ढाई से तीन लाख लोग दर्शन करने के लिए पहुंचे। इसी दौरान विश्व धरोहर के रूप में विख्यात ताज नगरी में महज ये आंकड़ा रोजाना करीब एक लाख का ही रहा। एक ओर जहां पीक सीजन में आगरा में आंकड़ा पचास लाख पहुंचता है तो काशी विश्वनाथ धाम में ये आंकड़ा तीन गुना ज्यादा डेढ़ करोड़ तक पहुंच गया।
धर्मिक पर्यटन ने दिया पांच करोड़ दान
2021 के दिसंबर महीने में पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ मंदिर के धाम का लोकार्पण किया था। इसके बाद से ही काशी में धार्मिक पर्यटन पर आने वाले लोगों की संख्या में खासा इजाफा देखा गया। काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक इस बार के सावन महीने में रोजाना करीब ढाई से तीन लाख लोग दर्शन के लिए पहुंच रहे थे। विश्वनाथ धाम के पीआरओ पीयूष तिवारी ने बताया कि यह आंकड़ा सावन के सोमवार के दिन 8 से 10 लाख पहुंच रहा था। पीयूष तिवारी के मुताबिक करीब डेढ़ करोड़ लोगों ने इस बार काशी विश्वनाथ के दरबार में मत्था टेका। इतना ही नहीं अलग-अलग तरीकों से करीब 5 करोड़ से ज्यादा का दान भी मंदिर प्रशासन को इन श्रद्धालुओं से मिला है।
ताजमहल नहीं काशी विश्वनाथ धाम देखने पहुंचे लोग
आगरा के वरिष्ठ पत्रकार और पर्यटन पर बीते 10 सालों से लगातार अपनी नजर बनाए रखने वाले इकबाल ने बताया कि औसतन आगरा के ताजमहल को देखने के लिए करीब एक लाख लोग रोजाना पहुंचते हैं। बीते महीने की अगर बात की जाए तो भी यह आंकड़ा लगभग इतना ही था। सितंबर के बाद जब मौसम थोड़ा ठंडा होता है तो यहां पर यह आंकड़ा थोड़ा बढ़ जाता है और 1 महीने में करीब पचास लाख की संख्या में पर्यटक ताजमहल के दीदार करने आते हैं। लेकिन वहीं काशी विश्वनाथ धाम की बात की जाए तो इसके पिक सीजन यानी सावन के महीने में यह आंकड़ा आगरा के ताजमहल से करीब 3 गुना ज्यादा डेढ़ करोड़ तक पहुंच गया।
सांस्कृतिक पर्यटन की तरफ लोग हो रहे है आकर्षित
वाराणसी के वरिष्ठ पत्रकार और करीब 2 दशकों से बनारस में हो रहे बदलावों को देखने वाले रत्नेश राय ने एनबीटी ऑनलाइन से बताया की पीएम मोदी ने सांस्कृतिक पर्यटन के रूप में काशी ही नहीं बल्कि अयोध्या को भी विकसित किया है। प्रदेश में योगी सरकार के साथ मिलने की वजह से इस सांस्कृतिक पर्यटन के क्षेत्र में असीम संभावनाएं पैदा हुई है। इसका असर अब आंकड़ों में दिख रहा है। बात चाहे अयोध्या के देव दीपावली की की जाए या काशी के काशी विश्वनाथ धाम की यह दोनों ही नए स्वरूप में बन कर तैयार हुए हैं या हो रहे हैं। ताजमहल जो वर्षों से विश्व धरोहर में शामिल है, उसको पीछे छोड़ना कहीं न कहीं पीएम मोदी के सांस्कृतिक पर्यटन के सपने को साकार करता दिख रहा है। इतना ही नहीं अयोध्या में तो अभी मंदिर निर्माण का काम चल ही रह है, लेकिन वहां पर भी धार्मिक पर्यटन की संख्या उत्साह बढ़ाने वाली है।
रिपोर्ट – अभिषेक कुमार झा
More Stories
Rishikesh में “अमृत कल्प” आयुर्वेद महोत्सव में 1500 चिकित्सकों ने मिलकर बनाया विश्व कीर्तिमान, जानें इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में
एमपी का मौसम: एमपी के 7 शहरों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे, भोपाल में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे
Mallikarjun Kharge झारखंड का जल, जंगल, जमीन लूटने के लिए सरकार बनाना चाहती है भाजपा: खड़गे