बनारस में घटाव के बाद गंगा के जलस्तर तेजी से बढ़ाव शुरू हो गया है। आलम यह है कि गंगा का जलस्तर अब चेतावनी बिंदु से महज 2.96 मीटर की दूरी पर पहुंच गया है। बुधवार की सुबह रफ्तार तेज होने के बाद दिन चढ़ने के साथ ही गंगा के बढ़ाव की रफ्तार थोड़ी-थोड़ी कम होने लगी थी लेकिन बढ़ाव निरंतर बना हुआ है। 36 घंटे में गंगा के जलस्तर में सवा तीन मीटर की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। केंद्रीय जल आयोग द्वारा जारी बाढ़ बुलेटिन के अनुसार बुधवार को सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 66.90 मीटर दर्ज किया गया जो कि बीते मंगलवार को सुबह आठ बजे की अपेक्षा 02.84 मीटर बढ़ चुका था। दोपहर 12 बजे तक हर घंटे चार सेंटीमीटर की रफ्तार से पानी बढ़ रहा था और जलस्तर 67.06 मीटर तक पहुंच गया।
इसके बाद रफ्तार कम हुई और हर घंटे तीन सेंटीमीटर की गति से जलस्तर तीन बजे 67.15 मीटर, शाम को छह बजे 67.24 मीटर एवं रात आठ बजे 67.30 मीटर दर्ज किया गया जो कि चेतावनी बिंदु (70.26 मीटर) से महज 02.96 मीटर दूर है। प्रति घंटे तीन सेंटीमीटर की रफ्तार से ऊपर चढ़ते जलस्तर में अभी और बढ़ाव के ही संकेत मिले है।
गंगा के बढ़ते जलस्तर ने एक बार फिर तटवासियों और ढाब क्षेत्र के लोगों की धड़कनें तेज कर दी हैं। काशी के 84 घाटों का आपसी संपर्क दोबारा खत्म हो गया है। वहीं घाट पर पंडों, पुरोहितों और फूल-मालाओं की दुकान लगाने वालों को भी अपना सामान हटाना पड़ रहा है।
गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण नाविक भी मायूस हैं। नौका संचालन बंद है। गंगा आरती छत पर ही हो रही है, जबकि शीतला मंदिर की दो सीढ़ियां ही बची हुई हैं।
शवदाह में बढ़ी मुश्किलें
गंगा में पानी बढ़ने से महाश्मशान मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह में फिर से परेशानी होने लगी है। नदी विशेषज्ञों का कहना है कि यह फ्लड फ्लैश के बाद का बढ़ाव है जिसके कारण बाढ़ की आशंका बन रही है।
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