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छत्तीसगढ़ के बस्तर के बड़े हिस्से में बोली जाने वाली गोंडी अब मोबाइल के एंड्राएड एप पर उपलब्ध है। इसे गूगल से डाउनलोड किया जा सकता है। गोंडी के इस शब्दकोश में करीब तीन हजार मानक शब्द हैं। इन शब्दों का चयन सात राज्यों में बोली जाने वाली गोंडी को मिलाकर किया गया है।
आमतौर पर किसी भी भाषा में एक ही वस्तु के लिए अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग शब्द होते हैं। खड़ी बोली हिंदी के साथ भी ऐसा ही है। लेकिन हिंदी का मानकीकरण किया गया तो मेरठ के आसपास बोली जाने वाली हिंदी को मानक हिंदी मान लिया गया।
उन्हीं शब्दों का उपयोग अखबार, किताबों, समाचार माध्यमों, सरकारी दस्तावेजों में किया जाने लगा और वही मूल हिंदी भाषा बनी। इसी तर्ज पर गोंडी का मानकीकरण करने की कोशिश की गई है।
हालांकि यह काम अभी प्रारंभिक चरण में ही है। अभी जो मानक शब्दकोष बना है उसमें महज तीन हजार शब्द हैं। इसे और बढ़ाने की कोशिश हो रही है। इस बीच गोंडी के शब्दकोष को गूगल में भी डाल दिया गया है।
छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार जो स्मार्ट फोन बांटने जा रही है उसमें भी गोंडी का एप डालने की कोशिश की जा रही है। नईदुनिया ने सबसे पहले इस बारे में समाचार प्रकाशित किया था।
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