जालौन: रक्षाबंधन का त्योहार है। पूरे देश में इसे भाई-बहन के अटूट रिश्ते और प्रेम के लिए जाना जाता है। बहनें अपने भाइयों के कलायों पर राखी बांधकर उनसे रक्षा का वचन लेती हैं, लेकिन इसी पर्व से जुड़ी हुई एक कहानी है, जिसको सुनकर आपको विश्वास नहीं होगा, क्योंकि इस खास जगह पर भाई-बहनों का एक साथ जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। भाई-बहन यहां जाते हैं तो वो पति-पत्नी हो जाते हैं।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के जालौन के कालपी नगर में मौजूद लंका मीनार से जुड़ी हुई अद्भुत धार्मिक मान्यता है। यहां की लंका मीनार देश की दूसरी सबसे ऊंची मीनार है। इस मीनार की लंबाई 210 फीट ऊंची है और इसका निर्माण वकील बाबू मथुरा प्रसाद निगम ने कराया था। इस मीनार को तैयार होने में 20 साल से ज्यादा का वक्त लगा था। इस मीनार की खास संरचना की वजह से यहां भाई-बहनों का प्रवेश वर्जित है।
इस खास वजह से मीनार पर नही चढ़ते भाई-बहन
देश में परंपराओं और रीति रिवाजों को विशेष महत्व दिया जाता है। यहीं वजह है कि सगे भाई-बहन लंका मीनार में एक साथ ऊपर नहीं जा सकते। दरअसल, इस लंका मीनार में नीचे से ऊपर तक पहुंचने के लिए 7 परिक्रमाओं से होकर गुजरना पड़ता है और शास्त्रों के अनुसार 7 परिक्रमाओं का संबंध पति-पत्नी के रिश्ते से है। इन्हीं रिवाजों के चलते भाई-बहनों का एक साथ जाने पर रोक है।
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