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मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद मामले में 13.37 एकड़ जमीन पर दावा करने वाले नारायणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव के केस में अब 26 अगस्त को 7 रूल 11 सीपीसी (केस के स्थायित्व से संबंधित धारा) पर सुनवाई होगी। पिछली तारीख पर अदालत ने नारायणी सेना के अधिवक्ता सुरजीत सिंह को प्रतिवादीगण में से एक सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता जीपी निगम को केस से संबंधित कागजात दो दिन के अंदर सौंपे जाने के निर्देश दिए थे, लेकिन यह कागजात सोमवार को अदालत में सौंपे गए। जिसके चलते सुनवाई नहीं हो सकी।
अदालत ने सुनवाई के लिए 26 अगस्त की तारीख तय की है। दरअसल, पक्षकार मनीष यादव ने अपने केस की सही गति से सुनवाई न होने और तेज गति से सुनवाई करवाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने चार माह के अंदर केस के निस्तारण के आदेश कर दिए। इसके चलते सिविल जज सीनियर डिवीजन द्वारा केस में जल्दी तारीख लगाकर सुनवाई की जा रही है।
‘सुनवाई से भाग रहे वादी पक्ष’
शाही ईदगाह के सचिव अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि पक्षकार ने पहले खुद तेज गति से सुनवाई के लिए हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया, उसके बाद अब स्वयं सुनवाई से भाग रहे हैं। पक्षकार मनीष यादव ने बताया कि हमने अदालत को सुनवाई के लिए चार प्रार्थना पत्र दिये हैं। अदालत में पहले उन प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई होनी चाहिए।
इस केस पर 11 अगस्त को होगी सुनवाई
लखनऊ हाईकोर्ट के अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह के केस पर भी सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी। इस मामले में 11 अगस्त को सुनवाई होगी। उनके द्वारा सीपीसी की सेक्शन 92 के तहत जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिसके तहत उन्हें केस चलाने की अनुमति मिलनी थी। इसकी सुनवाई जिला जज की अदालत से एडीजे सप्तम में चल रही थी।
सोमवार को एडीजे सप्तम की अनुपस्थिति में एडीजे पंचम में हुई। जहां पर पक्षकार के अधिवक्ता ने समय ले लिया। जबकि प्रतिवादी पक्ष में से एक शाही ईदगाह के सचिव अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि अधिकतर केसों में पक्षकार मुख्य मुद्दे पर अदालत में बहस से पीछे हट रहे हैं।
विस्तार
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद मामले में 13.37 एकड़ जमीन पर दावा करने वाले नारायणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव के केस में अब 26 अगस्त को 7 रूल 11 सीपीसी (केस के स्थायित्व से संबंधित धारा) पर सुनवाई होगी। पिछली तारीख पर अदालत ने नारायणी सेना के अधिवक्ता सुरजीत सिंह को प्रतिवादीगण में से एक सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता जीपी निगम को केस से संबंधित कागजात दो दिन के अंदर सौंपे जाने के निर्देश दिए थे, लेकिन यह कागजात सोमवार को अदालत में सौंपे गए। जिसके चलते सुनवाई नहीं हो सकी।
अदालत ने सुनवाई के लिए 26 अगस्त की तारीख तय की है। दरअसल, पक्षकार मनीष यादव ने अपने केस की सही गति से सुनवाई न होने और तेज गति से सुनवाई करवाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने चार माह के अंदर केस के निस्तारण के आदेश कर दिए। इसके चलते सिविल जज सीनियर डिवीजन द्वारा केस में जल्दी तारीख लगाकर सुनवाई की जा रही है।
‘सुनवाई से भाग रहे वादी पक्ष’
शाही ईदगाह के सचिव अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि पक्षकार ने पहले खुद तेज गति से सुनवाई के लिए हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया, उसके बाद अब स्वयं सुनवाई से भाग रहे हैं। पक्षकार मनीष यादव ने बताया कि हमने अदालत को सुनवाई के लिए चार प्रार्थना पत्र दिये हैं। अदालत में पहले उन प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई होनी चाहिए।
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