पीलीभीत के जहानाबाद में जिस समय मकान में विस्फोट हुआ, उस समय पटाखा व्यापारी अजीम बेग की पत्नी और छह बच्चे घर में मौजूद थे। तीन बेटियां अंदर के हिस्से में और मां समेत तीन बच्चे बाहरी हिस्से में थे। तीन बेटियां झुलस कर और मलबे में दबकर गई थीं। बाकी ने खुद को किसी तरह से बचा लिया था। अजीम की पत्नी फिरोज बेगम ने बताया कि हादसे के दौरान तीनों बेटियां नमाज पढ़ रहीं थीं। उस दौरान बारिश हो रही थी और आसमान से बिजली गिरने पर हादसा हुआ है। फिरोज बेगम ने बताया कि हादसे के दौरान वह उनकी पुत्री निशा, सानिया, नगमा, उजमा और दो पुत्र ताजीम और तस्लीम घर में मौजूद थे। पति दुकान पर गए हुए थे। बारिश होने के दौरान वह एक पुत्री, दोनों पुत्रों के साथ मकान के बाहरी हिस्से में थे। तीनों पुत्रियां निशा, सानिया और नगमा कमरे में थीं। तीनों नमाज पढ़ रहीं थी।
बारिश के दौरान अचानक बिजली कड़की और उनके घर पर गिर गई। घर में पटाखे रखे हुए थे। बिजली गिरने से उनके आग लग गई। इससे लपटे उठने लगीं।
किसी तरह एक पुत्री दोनों पुत्रों और खुद भाग कर जान बचाई। मगर तीनों बेटियां अंदर ही फंसी रह गईं। तेज आवाज के साथ घर के ऊपरी हिस्से का मलबा उछल गिरने लगा। देखते ही देखते नीचे का हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया। लिंटर भी टूटकर गिर गया।
पड़ोसन ने बताई आंखों देखी
पड़ोसी सुल्तान खां की पत्नी शमां ने बताया कि अमीज बेग उनके मौसेरे जेठ हैं। हादसे से दस मिनट पहले ही वह उनके घर से अपने घर आईं थीं। हालांकि उस समय घर में क्या हो रहा था। यह नहीं बता पाईं। उन्होंने बताया कि अपने घर आकर बैठ भी नहीं पाए, पता नहीं कैसे अजीम बेग के घर आग लग गई।
आग लगते ही आवाज इतनी तेज हुई कि वह डर गईं। जब बाहर निकले तो, मलबा आसपास की छतों पर गिर रहा था। ईंटों के बड़े-बड़े टुकड़े देख, जरा सी देर में भगदड़ मच गई। लोगों में चीख-पुकार मच गई। पटाखों के धमाकों से करीब आधे घंटे से ज्यादा मलबा उछलता रहा।
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