इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा के भरथना विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत आने वाले गांव कुशगवां की राधा रानी की चर्चा इस समय जिला ही नहीं, बल्कि आसपास के जनपदों में भी खूब हो रही है, क्योंकि उन्होंने आर्थिक परेशानियों को झेलते हुए अपने आप को टूटने नहीं दिया और प्रशासन की मदद से उन्होंने महिलाओं के लिए मिसाल कायम कर दी। राधा रानी ने कोरोना के समय काफी तकलीफों का सामना किया और एक समय का खाना खाकर ही हर मुश्किल परिस्थिति का मुंहतोड़ जवाब दिया। उनके पति मजदूरी करते हैं। कोरोनाकाल में पति को काम न मिलने से परिवार को पालन बहुत मुश्किल हो गया था। राधा रानी अपने परिवार के भरण पोषण के लिए काम की तलाश कर रही थी, तभी उन्हें महिला समूह बनाने के लिए विकासखंड के अधिकारियों ने प्रोत्साहित किया। इस पर उन्होंने रोशनी महिला ग्राम संगठन मानव स्वयं सहायता समूह बनाया। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर मदद की गई और उन्होंने उस मदद से अपने पैतृक भूमि पर 2 बीघा में एक ऐसी फसल की पैदावार की, जिसे हर कोई किसान करने के लिए सोच भी नहीं सका। उन्होंने जिला प्रशासन की मदद से एक ऐसी पपीते की फसल तैयार की, जिससे वह कुछ ही दिनों में मात्र अपनी 2 बीघा की भूमि से लाखों रुपये की आमदनी होगी।
राधा रानी ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के पुणे से शुगर फ्री ताइवानी रेड लेडी पपीता का बीज लिया और ट्रेनिंग भी ली, जिसके बाद उन्होंने अपने 2 बीघा की भूमि में 11 सौ रेड लेडी पपीता के पौधे लगाए, जो आने वाले अक्टूबर-नवंबर तक तैयार हो जाएंगे और उन पर फल भी आने लगेंगे। यह पपीता शुगर फ्री है और खास तौर पर हार्ट के मरीजों, बुजुर्गों और शुगर के मरीजों के लिए खास तौर पर लाभदायक होता है। इसमें किसी भी तरीके के दवाइयों का छिड़काव भी नहीं किया जाता, जिस कारण यह सुरक्षित और कोई भी इसका साइड इफेक्ट या हानिकारक प्रभाव नहीं है।
मोटिवेट करने के लिए फसल का निरीक्षण करने पहुंचे जिलाधिकारी
इटावा जिला अधिकारी अवनीश राय महिला समूह द्वारा संचालित की जाने वाली खेती का निरीक्षण करने पहुंचे और वहां राधा रानी द्वारा लगाए गए रेड लेडी पपीता की फसल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने फसल के बारे में जानकारी ली और कुछ दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि महिला समूह की संचालक राधा रानी ने दो बीघा की फसल में पुणे से लाई गई शुगर फ्री रेड लेडी पपीता की फसल तैयार की है। जिसके पेड़ अब सुरक्षित हैं और पूरी तरीके से कुछ ही दिनों में इस पर फल भी आने लगेंगे, जिससे रेड लेडी पपीता की पैदावार करने वाली महिला राधा रानी को तो फायदा पहुंचेगा ही तो वहीं क्षेत्र के लोगों को भी एक नई प्रजाति के पपीते की फसल का स्वाद चखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह फसल अक्टूबर-नवंबर में शुरू हो जाएगी और उस समय भी इस फसल का निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे ही इस का सफल परीक्षण होता है तो अन्य जनपदों में भी उत्पादन कराया जाएगा।
2 बीघा में लगाए 11 सौ पौधे, 400 पौधे हुए नष्ट
रेड लेडी पपीता की खेती करने वाली राधा रानी ने बताया कि हमने 2 बीघा की फसल में 11 सौ पौधे लगाए थे, जिसमें 400 पौधे आवारा जानवरों द्वारा तोड़कर नष्ट कर दिए गए, जिसके बाद अब मेरा पूरा परिवार फसल की देखरेख करता है। अब 700 पौधे पूरी तरीके से तैयार हो चुके हैं और कुछ ही दिनों में अब उन पर फल भी आने लगेंगे।
एक पौधे से करीबन 1 कुंतल की होगी शुगर फ्री पपीते की पैदावार
रेड लेडी शुगर फ्री पपीते के 1 पौधे से करीबन 2 वर्ष के अंदर एक कुंतल शुगर फ्री पपीता की पैदावार होगी। राधा रानी ने कहा कि यह पौधा ज्यादा बड़ा नहीं होता है और बहुत जल्दी इस पर फल भी आने लगते हैं। 2 बीघा की फसल के लिए करीबन उन्होंने डेढ़ लाख रुपये खर्च किए, जिसमें से कुछ पैसे का इंतजाम उन्होंने खुद किया व बाकी पैसे का इंतजाम प्रशासन द्वारा कराया गया। फसल की उन्नति को देखकर ऐसा लग रहा है कि लागत निकलने के बाद हमारे पास एक अच्छी खासी रकम बचेगी, जिससे हम जीवन यापन करेंगे और फिर से यही फसल फिर से उगाएंगे।
अब NBT ऐप पर खबरें पढ़िए, डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें
More Stories
बैरागढ़ में एक भी रैन बसेरा नहीं, ठंड में ठिठुरने को मजबूर गरीब वबेसहारा, अपावा की राहत भी नहीं
हेमंत नेता चुने गए, 28 को शपथ लेंगे
छत्तीसगढ़ पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल, 20 आरक्षकों का तबादला, जानिए किसे कहां मिली पोस्टिंग