पीलीभीत: बीजेपी सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) बीते कुछ दिनों से अपनी ही सरकार को घेर रहे हैं। कभी बेरोजगारी मुद्दे पर तो कभी योजनाओं पर सवाल उठा रहे हैं। एक बार फिर वरुण गांधी ने अपनी सरकार को घेरा है। इस बार उन्होंने संसद में सरकार की ओर से दिए गए बेरोजगारी के आंकड़े पर आड़े हाथों लिया है। वरुण गांधी ने गुरुवार को एक ट्वीट किया, जिसमें कहा कि संसद में सरकार द्वारा दिए गए आंकड़े देश में बेरोजगारी का आलम बयां कर रहे हैं। विगत 8 वर्षों में 22 करोड़ युवाओं ने केंद्रीय विभागों में नौकरी के लिए आवेदन दिया, जिसमें से मात्र 7 लाख को रोजगार मिल सका है। वरुण ने सरकार से सवाल पूछते हुए लिखा है कि जब देश में लगभग एक करोड़ स्वीकृत पद खाली हैं, तब इस स्थिति का जिम्मेदार कौन है?
पहले भी बेरोजगारी को लेकर ट्वीट कर चुके हैं वरुण
यह कोई पहली बार नहीं है कि वरुण गांधी ने बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरने का काम किया हो। इससे पहले भी वरुण गांधी ने 11 जुलाई को विभिन्न राज्यों समेत देश में बेरोजगारी दर के आंकड़ों को ट्विटर के माध्यम से साझा किया था और सरकार को चेतावनी भरे लहजे में लिखा था कि क्या इन आंकड़ों के साथ हम देश के विकास की गाथा लिखेंगे?
सांसद वरुण गांधी ने 8 जुलाई को भारत में संघर्ष कर रहे स्टार्टअप को लेकर भी ट्वीट करते हुए लिखा था कि छह महीनों में 11000 युवाओं ने नौकरियां गंवाई हैं। साल खत्म होते-होते यह आंकड़ा 60000 पार कर सकता है। यूनिकॉर्न कंपनियों का मानना है कि अगले 2 वर्ष चुनौतीपूर्ण हैं। युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा और वित्तीय नीतियों में सुधार आज के समय की सबसे बड़ी मांग है।
वरुण गांधी ने 4 जुलाई को ट्विटर के माध्यम से सरकार को चेतावनी देते हुए लिखा था कि आंकड़े झूठ नहीं बोलते हैं। देश की बेरोजगारी दर 7.8 प्रतिशत हरियाणा की बेरोजगारी दर 30.6 प्रतिशत है। 19 साल का हर दूसरा युवा बेरोजगार है। प्रदेश में शिक्षकों के 50000 पद खाली हैं। अग्निवीर युवा 4 वर्षों के बाद बेरोजगारी के इन्हीं आंकड़ों का हिस्सा बन जाएंगे।
29 जून को बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भारत में बेरोजगारी के कारण युवाओं की आत्महत्या के मामले में ट्वीट करते हुए लिखा था कि आत्महत्या के मामले के बढ़ते जा रहे हैं। सरकार का कर्तव्य है कि देश के युवाओं को स्थायित्व प्रदान करें और जल्द से जल्द रिक्त पदों को भर कर देश के युवाओं की मुश्किलें कम करें। सरकार से सांसद वरुण गांधी ने संविदा की संस्कृति को खत्म करने को प्राथमिकता देने के लिए भी कहा था। वरुण गांधी समय-समय पर अपनी ही सरकार की नीतियों पर प्रश्नचिन्ह उठाते हुए ट्वीट करते रहते हैं।
इनपुट- कुमार सौरभ
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