सुलहकुल की नगरी कह जाने वाले आगरा में सावन के दूसरे सोमवार को मुस्लिम समाज ने सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया। ताजनगरी के मुस्लिम युवाओं ने शिव भक्तों का पुष्प वर्षा कर इस्तकबाल किया, साथ ही उनके लिए पीने के पानी की व्यवस्था भी की। मुस्लिम युवाओं ने सोमवार को रावली महादेव मंदिर के बाहर स्टॉल लगाकर मंदिर में पहुंचने वाले शिव भक्तों और परिक्रमा पूरी करके लौटने वाले परिक्रमार्थियों की थकान दूर करने के गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश की। इसके साथ ही पेयजल सेवा की गई।
सावन के दूसरे सोमवार को शहर के शिवालायें में बम-बम भोले के जयकारे गूंजते रहे। शहर के प्रमुख मंदिर राजेश्वर, बल्केश्वर, पृथ्वीनाथ, कैलाश, रावली और मनकामेश्वर मंदिरों पर रातभर भक्तों ने शिव के दर्शन किए और सुबह जलाभिषेक के लिए भक्तों की कतार लगी रही। भक्तों ने शिव मंदिरों की परिक्रमा लगाई। इसके अलावा शहर के अन्य मंदिरों में भी आस्था का सैलाब उमड़ा। पूजा की थाली लिए और बम-बम भोले, हर हर महादेव के जयकारों के साथ भक्त शिव की भक्ति में डूबे नजर आए।
रावली महादेव मंदिर के मुस्लिम समाज के युवाओं ने स्टॉल लगाकर शिवभक्तों की सेवा की। भारतीय मुस्लिम महापंचायत के सरपंच नदीम नूर ने कहा कि आगरा सुलहकुल की नगरी है। यहां की गंगा-जमुनी तहजीब में लोग मिल-जुलकर रहते हैं। शिवभक्तों ने पूरी रात पैदल भ्रमण किया है। ऐसे में इस बार युवाओं ने उनके स्वागत की तैयारी की थी।
शिवभक्तों की सेवा में जुटे अमजद कुरैशी ने कहा कि इस तरह की पहल हर त्योहार पर होनी चाहिए। इससे सद्भाव बढ़ेगा। इस अवसर पर नदीम ठेकेदार, शानू खान, यासीन सिद्दीकी, राशिद शमसी, परवेज खान, इमरान हाशमी, मुईन कुरैशी, रफीज राजा, जुनैद रंगरेज आदि मौजूद रहे।
सावन के दूसरे सोमवार को बल्केश्वर मंदिर पर मेला लगा। बड़ी संख्या में शिव के भक्त बल्केश्वर महादेव के दर्शन करने के लिए पहुंचे। सुबह पांच बजे पट खुले तो महादेव के जयकारों से परिसर गूंज उठा। बाबा का जलाभिषेक किया गया। शाम को बाबा का अलौकिक शृंगार के बाद महाआरती हुई। मेले में चाट-पकौड़ी की दुकानों के साथ झूलों के टिकट काउंटर के आगे भीड़ रही। सोमवार रात 12 बजे मेले का समापन किया गया।
सावन के दूसरे सोमवार को ताजमहल के पास दशहरा घाट पर भक्तों ने यमुना मैया की आरती की। यमुना आरती में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। वहीं शहर के मंदिरों में जलाभिषेक, महाआरती, महाभोग और फिर शाम की आरती के लिए भगवान शिव का अलौकिक श्रृंगार किया गया। दिनभर मंदिर में बम-बम भोले के जयकारे गूंजते रहे।
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