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Bahraich News: 17 साल की लड़की को उठा ले गया बाघ, कई गांवों के लोग जंगल और खेतों की खाक छान रहे

अजीम मिर्जा, बहराइच: कतर्नियाघाट वन्यजीव इलाके में मानव और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष की रोज नई कहानी सामने आ रही है। ताजा घटनाक्रम में शौच के लिए मां के साथ घर से निकली छात्रा जैसे ही हैंड पाईप से पानी निकालने लगी, उसे बाघ उठा ले गया। घटना के 12 घंटे बाद तक न वन विभाग की टीम घटना स्थल पहुंची और न ही बच्ची का कोई अता-पता चला। आसपास के गांवों से सैकड़ों ग्रामीण गन्ने के खेतों और जंगल में बच्ची की तलाश कर रहे हैं।

शनिवार रात चाहलवा गांव के मंगल पुरवा में रात लगभग 9 बजे कक्षा 12 की छात्रा वंदना (17 वर्ष) अपनी मां के साथ शौच के लिए निकली थी। इस दौरान आया बाघ मां की आखों के सामने से उसे उठा ले गया और मां चीखती-चिल्लाती रह गई। मां की गुहार पर गांव वालों ने जिधर बाघ गया था उधर तलाश जारी की लेकिन लड़की की एक चप्पल के अलावा कुछ नहीं मिला। समय बीतने के साथ लोंगों की संख्या भी बढ़ती गई। एक जगह को बार-बार देखा गया लेकिन समाचार लिखे जाने तक कोई सूचना नहीं मिल सकी है।

प्रभागीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट आकाश दीप बधावन ने बताया कि तीन थानों की पुलिस बुला ली गई है। फारेस्ट टीम भी पहुचंने वाली है। उन्होंने कहा कि अभी यह कह पाना मुश्किल है कि क्या घटना हुई है। लेकिन सरकारी हाथी तैयार किए जा रहे हैं और उससे जंगल में छानबीन की जाएगी।

फारेस्ट विभाग की टीम घटना स्थल पर जाने से शायद इसलिए डर रही है क्यों कि कुछ दिन पूर्व एक बाघ ने कठौतिया गांव के गई लोंगों को घायल कर दिया था और वहाँ जब फारेस्ट की टीम पहुंची तो ग्रामीणों ने फारेस्ट विभाग की गाड़िया तोड़ डाली, पुलिस की काफी मशक्कत के बाद फारेस्ट कर्मियों की जान बची।

बीती रात भी जिस स्थान पर घटना हुई है यह इलाका टाइगर के हमलों से प्रभावित रहा है, इस इलाके से कुछ दिन पहले दो नरभक्षी बाघों को कैद कर एक को चिड़ियाघर लखनऊ भेजा गया है दूसरे को जंगल में छोड़ दिया गया है। गांव के परशुराम ने बताया कि 3-4 दिन पहले रात को घर में छलांग लगा कर कोई हिंसक जानवर बकरी उठा ले गया था। तब यह पहचान नहीं हो पाई थी कि तेंदुआ है या बाघ और आज रात यह घटना हो गई, जिसमें पुलिस और फारेस्ट दोनों को सूचित किया गया पुलिस तो आ गई लेकिन फारेस्ट टीम नहीं आई।