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Prayagraj : गंगाजी में नाले बहने की मंत्री स्वतंत्रदेव ने पूछी वजह तो अफसर हो गए खामोश

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नमामि गंगे परियोजना के तहत करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी गंगा में नालों का पानी गिरने पर शनिवार को जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के आगे अफसरों को कई बार निरुत्तर होना पड़ा। स्थलीय निरीक्षण के दौरान बक्शी बांध पर जब अधिकारियों ने नैनी, फाफामऊ और झूंसी में निर्माणाधीन एसटीपी का डेमो दिखाया तो मंत्री ने उसे पुरानी फोटो बताया। हकीकत सामने आने पर अफसरों ने चुप्पी साध ली।

सुबह आठ बजे सर्किट हाउस पहुंचे जलशक्ति, सिंचाई मंत्री स्वतंत्र देव सिंह समीक्षा बैठक में रखे गए आंकड़ों और दावों से संतुष्ट नजर नहीं आए। स्थलीय निरीक्षण के दौरान उन्होंने अफसरों से बख्शी बांध एसटीपी के अलावा अन्य एसटीपी और नालों से गंगा में गंदा पानी जाने की वजह पूछी। नमामि गंगे की गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अफसर सफाई देने लगे कि एसटीपी से सीधे सीवरेज नहीं बहाया जा रहा है।

ट्रीटेड वाटर (शोधित पानी) ही गंगा में जा रहा है। नाले बंद न होने और एसटीपी निर्माण पूरा न हो पाने की वजहों की भी उन्होंने जानकारी ली। इस दौरान जब मंत्री को निर्माणाधीन एसटीपी का डेमो दिखाया गया और मानचित्र के साथ फाइल फोटो के जरिये अफसर प्रगति के बारे में बताने लगे, तब उन्होंने कुंभ-2019 की पुरानी फोटो बताकर अफसरों को चुप करा दिया।

मंत्री ने नैनी, झूंसी और फाफामऊ में एसटीपी का निर्माण कार्य पूरा न होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अब इस काम में विलंब नहीं होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि सितंबर 2019 से फाफामऊ में 20 एमएलडी, झूंसी में 35 और नैनी में 45 एमएलडी क्षमता के एसटीपी बनाए जा रहे हैं। इन तीनों एसटीपी को सितंबर 2021 में ही पूरा कर लिया जाना था, लेकिन अफसरों की उदासीनता की वजह से अभी तक इनका कार्य पूरा नहीं किया जा सका। इस वजह से नाले एसटीपी से कनेक्ट कर बंद नहीं किए जा सके हैं और गंदा पानी बिना शोधन के लिए सीधे गंगा-यमुना में गिर रहा है।

मंत्री ने स्टीमर से लिया कछार का जायजा
जलशक्ति एवं सिंचाई मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने स्टीमर से गंगा-यमुना के जलस्तर की स्थिति देखने के साथ ही बाढ़ में हर वर्ष डूबने वाले कछारी इलाकों के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने बाढ़ से बचाव के लिए इंतजाम समय से पूरा करने के निर्देश दिए। कहा कि राहत शिविरों के लिए नजदीकी इलाकों में जहां भी स्थान चिह्नित किए गए हैं, वहां खाने-पाने के साथ ही दवा और सफाई की भी समुचित व्यवस्था की जाए।

संगम पर मंत्री ने गंगा जल से किया आचमन
मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने त्रिवेणी संगम पर सुबह गंगा जल से आचमन किया। उन्होंने मां गंगा को पूजन सामग्री भी अर्पित की। इसके लिए वह स्टीमर से बीच धारा में पहुंचे थे।

नहरों में टेल तक पानी पहुंचाएं अफसर: स्वतंत्र देव सिंह
सर्किट हाउस के सभागार में सिंचाई एवं जल संसाधन, बाढ़ नियंत्रण, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने अधिकारियों को नहरों में टेल तक पानी पहुंचाने का निर्देश दिया। गंगापार, यमुनापार क्षेत्र की नहरों के संचालन और पानी की उपलब्धता की जानकारी भी ली। उन्होंने निर्देशित किया कि यमुना नदी से लिफ्ट कर नहर में पानी पहुंचाने के लिए लगाए गए पंपों को क्रियाशील रखा जाए।

उन्होंने बक्शी बांध के पास बनाए गए एसटीपी और बाढ़ से होने वाली कटान को रोकने के लिए बांध रोड के किनारे पर कराई गई बोल्डर पिचिंग का भी निरीक्षण किया। इस मौके पर विधायक प्रवीण पटेल, विधायक कोरांव राजमणि कोल, मुख्य अभियंता बाण सागर परियोजना बीके राम, अधीक्षण अभियंता सिंचाई कार्य मंडल सिद्धार्थ कुमार सिंह और गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के परियोजना प्रबंधक समेत कई अफसर मौजूद थे।

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नमामि गंगे परियोजना के तहत करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी गंगा में नालों का पानी गिरने पर शनिवार को जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के आगे अफसरों को कई बार निरुत्तर होना पड़ा। स्थलीय निरीक्षण के दौरान बक्शी बांध पर जब अधिकारियों ने नैनी, फाफामऊ और झूंसी में निर्माणाधीन एसटीपी का डेमो दिखाया तो मंत्री ने उसे पुरानी फोटो बताया। हकीकत सामने आने पर अफसरों ने चुप्पी साध ली।

सुबह आठ बजे सर्किट हाउस पहुंचे जलशक्ति, सिंचाई मंत्री स्वतंत्र देव सिंह समीक्षा बैठक में रखे गए आंकड़ों और दावों से संतुष्ट नजर नहीं आए। स्थलीय निरीक्षण के दौरान उन्होंने अफसरों से बख्शी बांध एसटीपी के अलावा अन्य एसटीपी और नालों से गंगा में गंदा पानी जाने की वजह पूछी। नमामि गंगे की गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अफसर सफाई देने लगे कि एसटीपी से सीधे सीवरेज नहीं बहाया जा रहा है।