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महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या के मामले का ट्रायल (सुनवाई) अब प्रयागराज की जिला अदालत में ही होगा। जिला जज ने मामले में क्षेत्राधिकार पर दाखिल अर्जी पर सुनवाई करते हुए उसे निरस्त कर दिया। अदालत ने कहा कि मामला प्रयागराज के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत है और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले को संज्ञान में लिया है।
लिहाजा, मामले का ट्रायल यहीं चलाया जाएगा। अगली सुनवाई पर आरोप निर्धारण की कार्रवाई होगी। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए चार अगस्त की तिथि तय की है। यह आदेश जिला न्यायाधीश नलिन कुमार श्रीवास्तव ने आनंद गिरि की अर्जी को निरस्त करते हुए दिया है।
इसके पहले मामले के मुख्य आरोपी आनंद गिरि की ओर से अर्जी दाखिल कर क्षेत्राधिकार पर सवाल उठाया गया। सीबीआई के अधिवक्ता ने कहा, मामले की जांच कर रही सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर आरोप पत्र दाखिल किया है। लिहाजा, केस की सुनवाई सीबीआई की लखनऊ पीठ में होनी चाहिए। इस पर जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने विरोध जताया।
तर्क दिया कि सीबीआई को मामला सुपुर्द होने से पहले स्थानीय पुलिस महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच कर रही थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उसका संज्ञान लेते हुए आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
सीबीआई इस मामले में बाद में आई। इसलिए ट्रायल पर उसका क्षेत्राधिकार नहीं बनता है। अदालत ने शासकीय अधिवक्ता के तर्कों को स्वीकार करते हुए कहा कि मामले का संज्ञान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने लिया है और मामला उसके क्षेत्राधिकार के अंतर्गत है। लिहाजा, केस का ट्रायल यहीं पर चलाया जाएगा। अदालत ने अर्जी को निरस्त करते हुए यहीं पर ट्रायल चलाने का आदेश पारित किया।
विस्तार
महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या के मामले का ट्रायल (सुनवाई) अब प्रयागराज की जिला अदालत में ही होगा। जिला जज ने मामले में क्षेत्राधिकार पर दाखिल अर्जी पर सुनवाई करते हुए उसे निरस्त कर दिया। अदालत ने कहा कि मामला प्रयागराज के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत है और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले को संज्ञान में लिया है।
लिहाजा, मामले का ट्रायल यहीं चलाया जाएगा। अगली सुनवाई पर आरोप निर्धारण की कार्रवाई होगी। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए चार अगस्त की तिथि तय की है। यह आदेश जिला न्यायाधीश नलिन कुमार श्रीवास्तव ने आनंद गिरि की अर्जी को निरस्त करते हुए दिया है।
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