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मथुरा के वृंदावन में संत कॉलोनी परिक्रमा मार्ग स्थित एक आश्रम में सोमवार को प्रसाद और दक्षिणा बांटने के दौरान हुई भगदड़ से एक वृद्ध की मौत के मामले में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भगदड़ के दौरान बुजुर्ग को भीड़ ने कुचल दिया था। हालांकि पुलिस भगदड़ होने की बात से साफ इनकार कर रही है। फिलहाल मृतक के परिजन भी इस मामले में कुछ बोलने को तैयार नहीं है। लेकिन बिना अनुमति के इस तरह से प्रसाद वितरित करना या भंडारा लगाना कहीं न कहीं व्यवस्थाओं पर सवाल जरूर खड़े करता है।
सावन में वृंदावन के आश्रमों में प्रसाद और दक्षिणा बांटी जा रही है। न इसके लिए प्रशासन से अनुमति ली जा रही है और न पुलिस को इसकी जानकारी दी जा रही है। जिसका जहां मन आया, वो वहां भीड़ लगाकर प्रसाद बांट रहा है। झांसी निवासी गणेशलाल (75) पत्नी मुन्नी देवी के साथ वृंदावन वास कर रहे थे। सोमवार सुबह संत कॉलोनी स्थित एक आश्रम के पास परिक्रमा मार्ग में उनकी मौत हो गई थी।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई आंखों देखी
स्थानीय लोगों और साधु-संतों के अनुसार आश्रम के संचालक एवं कथावाचक भीड़ लगाकर भोजन प्रसाद के साथ-साथ दक्षिणा बांट रहे थे। भीड़ अधिक होने पर वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने डंडे भांजने शुरू कर दिए। इससे वहां भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। भगदड़ में गणेशलाल गिर पड़े। इसके बाद लोग उन्हें पैरों से कुचलते हुए निकल गए। इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। प्रसाद बांटने की अनुमति न जिला प्रशासन ने दी और न पुलिस के पास कोई सूचना थी, फिर भी भीड़ लगाई गई। इस भीड़ में भगदड़ होने से एक की जान चली गई।
प्रत्यक्षदर्शी बाबा बंगालीदास ने बताया कि आश्रम के संचालक एवं कथावाचक भीड़ लगाकर भोजन प्रसाद के साथ-साथ दक्षिणा बांट रहे थे। भीड़ अधिक होने पर वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने डंडे भांजने शुरू कर दिए। इससे वहां भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई और भीड़ में फंसकर गणेशलाल गिर पड़े। कई लोग उन्हें पैरों से कुचलते हुए निकले, जिससे उनकी मौके पर मृत्यु हो गई।
‘कुछ लोग वृंदावन का नाम कर रहे बदनाम’
महंत फूलडोल बिहारीदास ने बताया कि भोजन वितरण करने का तरीका होता है। कुछ लोग प्रदर्शनी करने और अपना प्रचार के लिए भीड़ एकत्रित करने के लिए बाहर से यहां आकर वृंदावन के नाम को बदनाम कर रहे हैं। भोजन वितरण, वृद्ध माताओं और गो सेवा के नाम पर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। भोजन बांटना है तो सही प्रकार से बांटो, ऐसा न करें कि किसी की जान चली जाए। प्रदर्शन करना बहुत गलत है।
एसपी सिटी एमपी सिंह ने बताया कि मृतक की पत्नी मुन्नी देवी ने लिखकर दिया है कि गणेशलाल की मौत बीमारी के कारण हुई थी। पुलिस को भगदड़ की स्थिति की जानकारी नहीं मिली।
विस्तार
मथुरा के वृंदावन में संत कॉलोनी परिक्रमा मार्ग स्थित एक आश्रम में सोमवार को प्रसाद और दक्षिणा बांटने के दौरान हुई भगदड़ से एक वृद्ध की मौत के मामले में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भगदड़ के दौरान बुजुर्ग को भीड़ ने कुचल दिया था। हालांकि पुलिस भगदड़ होने की बात से साफ इनकार कर रही है। फिलहाल मृतक के परिजन भी इस मामले में कुछ बोलने को तैयार नहीं है। लेकिन बिना अनुमति के इस तरह से प्रसाद वितरित करना या भंडारा लगाना कहीं न कहीं व्यवस्थाओं पर सवाल जरूर खड़े करता है।
सावन में वृंदावन के आश्रमों में प्रसाद और दक्षिणा बांटी जा रही है। न इसके लिए प्रशासन से अनुमति ली जा रही है और न पुलिस को इसकी जानकारी दी जा रही है। जिसका जहां मन आया, वो वहां भीड़ लगाकर प्रसाद बांट रहा है। झांसी निवासी गणेशलाल (75) पत्नी मुन्नी देवी के साथ वृंदावन वास कर रहे थे। सोमवार सुबह संत कॉलोनी स्थित एक आश्रम के पास परिक्रमा मार्ग में उनकी मौत हो गई थी।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई आंखों देखी
स्थानीय लोगों और साधु-संतों के अनुसार आश्रम के संचालक एवं कथावाचक भीड़ लगाकर भोजन प्रसाद के साथ-साथ दक्षिणा बांट रहे थे। भीड़ अधिक होने पर वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने डंडे भांजने शुरू कर दिए। इससे वहां भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। भगदड़ में गणेशलाल गिर पड़े। इसके बाद लोग उन्हें पैरों से कुचलते हुए निकल गए। इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। प्रसाद बांटने की अनुमति न जिला प्रशासन ने दी और न पुलिस के पास कोई सूचना थी, फिर भी भीड़ लगाई गई। इस भीड़ में भगदड़ होने से एक की जान चली गई।
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