अपना स्टार्ट अप शुरू करने या नौकरी करने की ऊहापोह में फंसे युवाओं के लिए ताजनगरी के अस्थाना भाइयों का जुझारूपन और जज्बा मिसाल है। जेब में महज 1500 रुपये लेकर गोकुलपुरा के रजत अस्थाना और शिशिर अस्थाना ने मार्बल हैंडीक्राफ्ट का व्यवसाय शुरू किया। अब उनकी कंपनी सालाना 302 करोड़ रुपये का टर्न ओवर कर रही है। खास बात ये है कि हाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली के प्रधानमंत्री को जो मार्बल इनले की कलाकृति भेंट की, वह अस्थाना भाइयों की कंपनी स्टोनमैन क्राफ्ट ने आगरा में ही बनाई थी।
रजत अस्थाना के पिता गोपाल बिहारी अस्थाना का जूतों का कारोबार था। बाद में उन्होंने पब्लिशिंग हाउस में काम शुरू किया। रजत अस्थाना ने जीआईसी में पढ़ाई के बाद उच्च शिक्षा सेंट जोंस कॉलेज से की। 8 अगस्त 1995 को कंपनी बनाकर मार्बल इनले का काम शुरू किया था।
रजत अस्थाना ने अपनी चाची से 1500 रुपये लिए थे। हैंडीक्राफ्ट की ट्रेडिंग छोड़कर उन्होंने निर्यात में हाथ आजमाया और पहला ऑर्डर अमेरिका से पांच हजार डॉलर का मिला। उनकी ईपीआईपी आगरा और मुरादाबाद में हैंडीक्राफ्ट की फैक्टरियां हैं। वह इन दिनों हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं।
हमने भी संघर्ष झेले हैं- रजत
स्टोनमैन क्राफ्ट कंपनी के एमडी रजत अस्थाना ने बताया कि जो ठान लिया, उसमें बाधाएं भी आएं तो उन्हें चुनौती के रूप में लेकर पार करना चाहिए। हमने संघर्ष झेले हैं। उत्पादों की गुणवत्ता बेहतर है तो कोई आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता।
ऊंचाई पर पहुंचाने का प्रयास
रजत अस्थाना के भाई शिशिर अस्थाना बताते हैं कि स्टोन हैंडीक्राफ्ट के बाजार को अभी और ऊंचाई पर पहुंचाने का प्रयास है। आगरा की यह कला दुनिया भर में पहुंचे, इसलिए बड़े पैमाने पर काम की जरूरत है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी को जो मार्बल पच्चीकारी वाला टेबल टॉप भेंट किया था, वह स्टोनमैन क्राफ्ट कंपनी ने काले मार्बल के बेस पर 12 कीमती पत्थरों के साथ पच्चीकारी कर छह माह में इसे तैयार किया था।
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