राजधानी में बिजली चोरी करने वाला गिरोह सरकारी तंत्र से ज्यादा स्मार्ट हो गया है। शहर में अभी स्मार्ट मीटर ठीक से लग भी नहीं पाए हैं और बिजली चोरों ने बाईपास ‘सर्जरी’ कर दी है। यानी बाइपास के जरिये मीटर को धीमा कर बिजली चोरी का खेल शुरू हो गया है। लेसा अभियंताओं ने ऐसे दो शातिरों प्रशांत गुप्ता व दीपक मौर्य को दबोच कर गाजीपुर थाने की पुलिस के सुपुर्द किया और मुकदमा भी दर्ज कराया, लेकिन पुलिस ने थाने से ही नोटिस देकर छोड़ दिया। गिरोह के दोनों सदस्यों ने मीटर को धीमा करने के तरीके का खुलासा भी पुलिस के सामने किया है। सूत्रों के मुताबिक शहर में प्रशांत व दीपक की तर्ज पर 10 अन्य गिरोह इसी तरीके का इस्तेमाल कर बिजली चोरी कराने का खेल कर रहे हैं। गिरोह में लेसा मीटर सेक्शन के कुछ कर्मचारी व ठेकेदार भी शामिल हैं। गिरोह के सदस्य शहर में अनगिनत स्मार्ट मीटरों को धीमा कर चुके हैं। राजधानी में अभी सिर्फ 3.85 लाख स्मार्ट मीटर ही लगे हैं।
इस तरह धीमा कर रहे स्मार्ट मीटर
स्मार्ट मीटर को धीमा करने के लिए गिरोह के सदस्य टर्मिनल प्लेट की सील से छेड़छाड़ करके मीटर में जाने वाले इनकमिंग करंट, न्यूट्रल एवं आउटगोइंग करंट, न्यूट्रल वायर के बीच एक महीन तार लगा देते हैं। इस तार के जरिये करंट बाईपास होने लगता है।
इससे उपभोक्ता के घर में जितनी बिजली उपयोग होती है, उसकी महज 50 फीसदी ही यूनिट के रूप में दर्ज होकर मीटर में डिस्प्ले होती है। मीटर में बाईपास सिस्टम बनाने के बाद ये पुरानी सील को दोबारा उसी जगह चस्पा कर देते हैं। इससे मीटर में छेड़छाड़ का फौरी तौर पर पता नहीं चल पाता।
स्मार्ट मीटरों की होगी जांच
लेसा ट्रांस गोमती एवं सिस गोमती जोन के मुख्य अभियंता अनिल कुमार तिवारी ने बताया कि जिन खंडीय इलाकों में स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, उनकी रैंडम जांच के निर्देश दिए गए हैं। शहर में सबसे ज्यादा स्मार्ट मीटर चौक, ठाकुरगंज, चिनहट, बीकेटी, रहीमनगर, हुसैनगंज एवं अमीनाबाद इलाके में लगाए गए हैं। जांच में गड़बड़ी मिलने पर बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
पूछताछ के बाद नोटिस देकर छोड़ा
बिजली मीटर में टेंपरिंग के मामले में पकड़े गए प्रशांत गुप्ता और दीपक कुमार मौर्य को नोटिस देकर छोड़ने के बारे में प्रभारी निरीक्षक गाजीपुर रामेश्वर कुमार ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे में जो धाराएं हैं वो जमानती हैं। इस कारण उनसे पूछताछ के बाद 41ए का नोटिस तामील कराकर उन्हें छोड़ दिया गया है। साथ ही यह हिदायत दी गई है कि विवेचना के दौरान जब भी बुलाया जाएगा, थाने में उपस्थित होना पड़ेगा।
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